डेढ़ दशक पहले आईडीए ने किया था सुपर कॉरिडोर का निर्माण
डेढ़ दशक पहले आइडीए ने सुपर कॉरिडोर का निर्माण किया था, लेकिन पिछले कुछ महीनों में यहां निर्माण की गति खासी तेज हो गई है। मेट्रो ट्रेन का ट्रैक तैयार होने के बाद तीन दर्जन से अधिक प्लॉटों पर हाइराइज की अनुमति हुई है तो उससे लगी जमीनों पर बड़ी-बड़ी टाउनशिप में बसाहट भी हो रही है।
अब पीपीपी मॉडल पर आधुनिक कमर्शियल मॉल भी ला रहा
आइडीए अब आधुनिक कमर्शियल मॉल भी पीपीपी मॉडल पर ला रहा है। कंसल्टेंट पुनीत पांडे ने नक्शा व डिजाइन सौंप दी है। इसके हिसाब से विदेशी बिल्डिंग की तर्ज पर यह तैयार होगा। जीएसटी सहित इसकी लागत 87 करोड़ रुपए अनुमानित है। आइडीए सीईओ आरपी अहिरवार ने बताया कि कमर्शियल बिल्डिंग को पीपीपी मॉडल पर बनाने की मंजूरी के लिए बोर्ड बैठक में चर्चा होगी। शासन को भी प्रस्ताव भेजा जाएगा। शासन की मंजूरी के बाद टेंडर जारी किया जाएगा।
आठ मंजिला होगी ऊंचाई
सुपर कॉरिडोर के प्लॉट नंबर 15 की 6217 वर्ग मीटर जमीन पर यह मॉल बनेगा। निर्माण 25775 वर्ग मीटर (सुपर बिल्टअप) पर किया जाएगा। पार्किंग के लिए दो बेसमेंट के साथ ऊंचाई आठ मंजिला होगी। बिल्डिंग ग्रीन कॉन्सेप्ट की होगी, ताकि बिजली की खपत कम हो और हरियाली का ध्यान रखा जा सके।
… तो जेब से लगाने पड़ते 2789 करोड़
आइडीए पीपीपी मॉडल पर चार प्रोजेक्ट पर काम करने जा रहा है। अगर यह काम खुद करता तो उसे 2789 करोड़ रुपए खर्च करने पड़ते। साथ ही बिल्डिंग बनने के बाद संपत्ति बेचने पर यह राशि वापस मिलती, लेकिन अब उसे कुछ भी खर्च करने की जरूरत नहीं होगी।
इतना होता खर्च
कन्वेंशन सेंटर: 545.77 करोड़ स्टार्टअप पार्क: 1156 करोड़ स्पोर्ट्स पार्क: 1000 करोड़ कमर्शियल मॉल: 87 करोड़ फायदे पर होगा मंथन
पीपीपी मॉडल में जमीन आइडीए की होगी, लेकिन निर्माण खर्च ठेका लेने वाली कंपनी करेगी। आइडीए दोनों के बीच रेशो तय करेगा, ताकि डील फायदे का सौदा साबित हो। इंदौर में काम करने के लिए देश की कई यात कंपनियां पिछले दिनों रुचि दिखा चुकी हैं। उसका फायदा भी आइडीए को मिल सकता है। उसे प्लॉट बेचने से डेढ़ से दो गुना अधिक कीमत बिल्डिंग तैयार होने पर मिल सकती है।