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किसानों को मिलेगा 50 फीसदी विकसित भूखंड, आसमान छुएगी जमीन की कीमत प्रोजेक्ट का अंतिम प्रकाशन
इंदौर एयरपोर्ट के पीछे रिंजलाय गांव से पीथमपुर सेक्टर 7 के बीच एमपीआइडीसी इकोनॉमिक कॉरिडो(Indore-Pithampur Economic Corridor)र बना रहा है। एमपीआइडीसी ने गुरुवार को प्रोजेक्ट का अंतिम प्रकाशन कर दिया है। 20.25 किमी लंबी सड़क में 13 गांव प्रभावित हो रहे हैं। प्रकाशन कर विभाग ने कॉरिडोर में आने वाली जमीन(farmers land) के सर्वे नंबर घोषित कर दिए हैं। इसके बाद लैंड पुलिंग की प्रक्रिया तेज हो जाएगी। गौरतलब है कि कॉरिडोर में जिन किसानों की जमीन आ रही है, उन्हें बड़ा फायदा होगा। विकसित भूखंडों का 60 फीसदी हिस्सा मिलेगा जो इतिहास का सबसे बड़ा मुआवजा है। आइडीए अपनी योजनाओं के लिए 50 फीसदी विकसित भूखंड देता था। हालांकि कुछ किसान अब भी विरोध कर रहे हैं। इस सड़क के बनने से इंदौर पीथमपुर के बीच 40 मिनट का सफर 15 मिनट का रह जाएगा।
ये है इकोनॉमिक कॉरिडोर
- लंबाई – 20.25 किमी
- क्षेत्रफल – 1331.02 हेक्टेयर
- लागत – 2410 करोड़
- निवेश – 25,000 करोड़
- रोजगार – 5 लाख प्रत्यक्ष, 1 लाख अप्रत्यक्ष
- अवधि – तीन वर्ष
- प्रभावित गांव – टीही, धन्नड़, भैसलाय, सोनवाय, डेहरी, बागोदा, मोकलाय, नरलाय, शिव खेड़ा, सिंदौड़ी, सिंदौड़ा, श्रीराम तलावली, नावदा पंथ, बिसनावदा, रिंजलाय, नैनोद व कोर्डियाबर्डी।
1 सेक्टर-1 लैंड यूज
कॉरिडोर में एक सेक्टर एक लैंड यूज रहेगा। एयरपोर्ट के पीछे से पीथमपुर तक 75 मीटर चौड़ी सड़क इंदौर-अहमदाबाद नेशनल हाइवे व एबी रोड को जोड़ेगी। कॉरिडोर के दोनों तरफ 300-300 मीटर जमीन ली जा रही है। इसमें फिनटेक सिटी, दलाल स्ट्रीट, आइटी हब के साथ व्यावसायिक व औद्योगिक प्लॉट होंगे तो बड़ा एरिया रेसीडेंशियल प्लॉट का भी रहेगा। 20 मंजिल तक हाइराईज बिल्डिंग रहेगी।