बता दें कि राजा की हत्या के बाद सोनम रघुवंशी पर समाज में महिलाओं की छवि खराब करने का आरोप लगाया जा रहा है। शादी को लेकर उनके निर्णय और बयानों ने समाज में महिलाओं को शर्मसार किया है, जिसके विरोध में यह आयोजन किया गया।
कभी नहीं मिलेगा मोक्ष
सोनम के पिंडदान की पूरी प्रक्रिया विधि-विधान के साथ संपन्न की गई। बता दें कि पिंडदान करने के बाद पिंड को गंगा में न बहाकर उसके पोस्टर के साथ उसे आग के हवाले कर दिया। इस पर महिलाओं का कहना था कि सोनम को समाज से बहिष्कृत किया जा रहा है, उसने जो कृत्य किया है, इसके लिए उसे नर्क में भी जगह नहीं मिलेगी। वहीं राजा रघुवंशी के लिए भी पिंडदान कर उसकी आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की गई। महिला व्यापार मंडल अध्यक्ष सुनीता सोनी ने कहा कि सोनम के इस कृत्य से प्रत्येक महिला को संदेह की दृष्टि से देखा जा रहा है।
इस पूरी क्रिया के बारे में दशाश्वमेध घाट के पुजारी ने कहा कि जीवित व्यक्ति का पिंडदान का मतलब होता है उसे पूरी तरह समाज से काट देना। ये एक बहुत बड़ा सामाजिक निर्णय होता है।