विभाग ने विद्यार्थियों से 30 जून तक ऑनलाइन आवेदन मांगे हैं, जिसके बाद विवि स्तर पर पात्रता परीक्षा का आयोजन होगा। यह फैसला हाल ही में उच्च शिक्षा मंत्री इंदरसिंह परमार की अध्यक्षता में राजभवन में आयोजित विशेषज्ञों की बैठक के बाद लिया गया है। इसमें नई शिक्षा नीति के तहत हो रहे पीजी एडमिशन की समीक्षा की गई थी। (Good News)
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एनईपी के अंतर्गत पहले यह नियम था कि पीजी पाठ्यक्रम में प्रवेश सिर्फ उन्हीं विषयों में लिया जा सकेगा, जिन्हें विद्यार्थी ने स्नातक में बतौर मेजर या माइनर विषय पढ़ा हो। उदाहरण के लिए बीए इतिहास के विद्यार्थी को सिर्फ इतिहास में एमए करने की अनुमति थी। वह एमए हिंदी, अंग्रेजी या भूगोल जैसे विषयों में प्रवेश नहीं ले सकता था। इसी तरह बीएससी करने वाला विद्यार्थी एमए या एमकॉम में नहीं जा सकता था। इस व्यवस्था ने पीजी पाठ्यक्रमों में प्रवेश संया को प्रभावित करना शुरू कर दिया था।
पात्रता परीक्षा विवि के स्तर पर
पीजी में प्रवेश के लिए अब पात्रता परीक्षा विवि स्तर पर आयोजित की जाएगी। हर विवि अपने स्तर पर परीक्षा की रूपरेखा, विषयवस्तु और मूल्यांकन तय करेगा। यह परीक्षा प्रवेश का एकमात्र आधार नहीं होगी, बल्कि विद्याथियों की समझ और विषय में योग्यता को परखने का जरिया बनेगी। हालांकि नियमों में बदलाव राहत भरा है, लेकिन प्रवेश प्रक्रिया को लेकर विद्यार्थी असमंजस में हैं। निजी कॉलेज प्राचार्य संघ के अध्यक्ष डॉ. राजीव झालानी ने बताया, विद्यार्थियों को अभी भी स्पष्ट दिशा-निर्देश नहीं मिल पाए हैं। यह भी पढ़े –
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नई व्यवस्था को लेकर विद्याथियों और शिक्षाविदों की आपत्तियां आई थीं। कई कॉलेजों में पीजी की सीटें खाली रहने लगीं। इसे लेकर उच्च शिक्षा विभाग पर दबाव बढ़ा, जिसके बाद राजभवन में विभागीय समीक्षा बैठक बुलाई गई। विशेषज्ञों ने सुझाव दिया कि विकल्प देना जरूरी है, ताकि उच्च शिक्षा में लचीलापन बना रहे। विभाग ने निर्णय लिया कि विद्यार्थी कोई भी पीजी पाठ्यक्रम चुन सकते हैं, लेकिन उन्हें यूनिवर्सिटी स्तर की पात्रता परीक्षा पास करनी होगी।
इससे यह भी सुनिश्चित होगा कि विद्यार्थी विषय की मूलभूत जानकारी रखते हैं और प्रवेश योग्य हैं। यह सुविधा सिर्फ यूजी थर्ड ईयर में अध्ययनरत विद्यार्थियों के लिए ही है। जो विद्यार्थी यूजी कर चुके हैं, उनके लिए यह विकल्प नहीं होगा। यानी यह बदलाव उन्हीं विद्यार्थियों को राहत देगा, जो वर्तमान में यूजी के थर्ड ईयर में हैं।