निराकरण समय सीमा में नहीं होने और कुछ शिकायतों को जबरिया बंद कराने की जानकारी मिली थी। बैठक में ऑपरेटर द्वारा प्रजेंटेशन देने पर आयुक्त वर्मा ने प्रभारी अधिकारी को फटकारा और कहा कि अगली बार खुद तैयारी करके आना, खुद ही जानकारी देना।
ये भी पढ़ें:
‘थार’ दो तभी बारात लेकर आऊंगा…’ दुल्हन करती रही इंतजार, अब लेगी बदला ! बैठक में आयुक्त ने सबसे पहले सीएम हेल्पलाइन के प्रभारी अधिकारी जितेन्द्र जमींदार पर नाराजगी जाहिर की और कहा कि ये रिपोर्ट में एक कैटेगरी बनाकर अन्य का फोल्डर क्यों बनाया गया है? सीएम हेल्पलाइन पर आने वाली ऐसी शिकायतें, जो कि दूसरे विभाग से संबंधित थीं, वह 50 दिन से ज्यादा पेंडिंग थीं।
जलप्रदाय व्यवस्था की समीक्षा के दौरान भी सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों को फोर्स क्लोज कराया गया था। इसमें कारण संतोषजनक नहीं था। बैठक में मौजूद सीटीपीटी (सुलभ शौचालय, मूत्रालय) प्रभारी आरोलिया को भी फटकारा। वर्मा ने पूछा कि कितने मूत्रालयों की क्या स्थिति है। आरोलिया कागज पलटने लगे तो आयुक्त ने कहा, आपको कुछ जानकारी नहीं है।