विशेषज्ञों के ताजा अध्ययन में अपर्याप्त नींद भी कैंसर के खतरे के रूप में सामने आई है। उनकी राय में स्वस्थ रहने के लिए पर्याप्त नींद जरूरी है। अमरीकी कैंसर सोसायटी ने कैंसर के खतरे से आगाह करते हुए यह जरूरत भी बताई कि अभी इस दिशा में और शोध होना चाहिए। स्थानीय विशेषज्ञ के मुताबिक, कुछ अध्ययन से पता चलता है कि नींद की समस्या होने पर कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। पर्याप्त नींद से नींद से इयुनिटी मजबूत होती है तो वहीं नींद की समस्या इयुनिटी सिस्टम को प्रभावित करती है।
इसके कमजोर होने से सेल्स सिस्टम गड़बड़ा जाते हैं, जो कैंसर(World Cancer Day) का कारण बनता है। विशेषज्ञों का मत है कि 6 से 9 घंटे की नींद व्यस्क के लिए पर्याप्त है। 6 घंटे से कम और 9 घंटे से ज्यादा की नींद इयुनिटी सिस्टम के लिए अलार्मिंग है। सांसों की रुकावट भी गंभीर बीमारी के खतरे को बढ़ाती है।
ऐसे खतरा…
कम नींद: मानव को हर रात 6 घंटे से कम नींद लेने से स्तन, आंत, फेफड़े और प्रोस्टेट कैंसर की आशंका रहती है। ज्यादा नींद: 9 घंटे से ज्यादा सोना भी खतरे का अलार्म है। इससे ओवेरियन (अंडाशय) और थाइराइड कैंसर का डर रहता है।
नींद में उत्पन्न मेलाटोनिन में कैंसर रक्षक गुण
वरिष्ठ कैंसर विशेषज्ञ डॉ. दिगपाल धारकर के मुताबिक, अपर्याप्त नींद हार्मोनल चक्र को बाधित कर सकती है। कैंसर बढ़ाने में हार्मोन कारक की भूमिका निभाते हैं। हालांकि अभी इसके ठोस प्रमाण नहीं हैं। मेलाटोनिन हार्मोन रात को सोने के दौरान उत्पन्न होता है। इसे कैंसर रक्षक गुणों वाला माना गया है। रात में रोशनी के संपर्क में आने या अनियमित नींद से मेलाटोनिन का स्तर कम होता है, जो कैंसर का जोखिम बढ़ा सकता है। रात में पर्याप्त नींद आवश्यक है।