Central GST raids : इनपुट टैक्स क्रेडिट (आइटीसी) के फर्जी लाभ लेने से जुड़ी छापा कार्रवाई के दौरान सेंट्रल जीएसटी ने दो फर्मों से ढाई करोड़ रुपए की रिकवरी की है। इन फर्मों ने फर्जी बिल तैयार कराए। इस सिलसिले में कटंगी रोड पर संचालित सीमेंट डीलर फर्म के कार्यालय की जांच की गई। इसी डीलर के माध्यम से दो फर्मों को माल और मटेरियल के सप्लाई के बिना फजऱ़्ी बिलों जारी किए गए।
Central GST raids : फर्मों की जांच के लिए टीम का गठन
गौरतलब है कि सेंट्रल जीएसटी आयुक्त जबलपुर लोकेश कुमार लिल्हारे ने फर्जी तरीके से आइटीसी लेने वाली फर्मों की जांच के लिए टीम का गठन किया थ। इसके बाद सेंट्रल जीएसटी की इन्वेस्टीगेशन विंग ने 12 फर्मों पर छापे की कार्रवाई की। जब टीम ने फर्म जे.इंफ्राटेक एवं यर्न इंफ्राटेक के कार्यालय पर छापा मारा तब वहां से बड़ी संख्या में बिल मिले। उनकी जांच की गई तो इसकी लिंक थोक सीमेंट कारोबारी फर्म पारसराम सीमेंट से जुड़ी। तुरंत ही टीम ने फर्म पर छापे कार्रवाई की। इसके संचालकों से पूछा गया कि बिना माल के बिल कैसे जारी कर दिए गए।
Central GST raids
Central GST raids : 12 फर्में रडार पर
अब तक टीम ने कन्हैया लाल अग्रवाल फर्म से एक करोड़ और जे इंफ्राटेक से डेढ़ करोड़ रुपए की रिकवरी की है। अब तक जांच में यह सामने आया है कि जबलपुर में 12 फर्मों ने बिना माल भेजे ही बिल जारी कराए। इनके जरिए इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का फर्जी लाभ उठाया। जीएसटी कार्यालय के अनुसार उपरोक्त फर्मों से जुड़े बिलों और ट्रांजेक्शंस को वेरीफाई किया जा रहा है। माना जा रहा है कि इसमें बड़ी हेराफेरी सामने आ सकती है यह भी पता चला है कि जिले की एक दर्जन फर्मों ने फर्जी तरीके से 15 करोड़ रुपए से ज्यादा का आइटीसी लिया है। यह सभी फेक बिल पर आधारित हैं। इसका खुलासा बीते एक सप्ताह से चल रही जांच में हुआ है।
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