हृदय रोग विशेषज्ञों का कहना है कि अचानक ठंडा पसीना आना, जबड़े, सीने, पीठ में दर्द, सीढ़ी चढ़ने में सांस फूलना, लगातार कमजोरी महसूस होने जैसे लक्षणों को नजरंदाज नहीं करें। ऐसा कोई भी लक्षण होने पर तत्काल बीपी, ईसीजी से लेकर बेड कोलेस्ट्रॉल, शुगर व थायराइड की जांच करा लें।
साइलेंट अटैक में इनकी गई जान
प्रदेश में बीते एक साल में साइलेंट अटैक (silent attack) से मौत के गई मामले सामने आए हैं। विदिशा में डांस करते इंदौर की युवती हो या इंदौर में मंच पर परफॉर्म करते रिटायर्ड फौजी। चार माह पहले ही श्योपुर में घोड़ी पर बैठे-बैठे दूल्हे की मौत हो गई थी। जबलपुर के शाहीनाका में 13 वषर्षीय लड़की व देवताल के 20 वर्षीय युवक की हार्ट अटैक से मौत हुई। बरेला के 17 वर्षीय युवक को सुबह सीने में दर्द उठने पर अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई।
डायबिटीज और हाई बीपी की समस्या
विशेषज्ञों के अनुसार डायबिटीज और हाई बीपी दोनों के बीच सीधा कनेक्शन है। दरअसल जब शरीर में शुगर की मात्रा बढ़ जाती है और पैनक्रियाज इसे नहीं पचा पाला है तो, बढ़ा हुआ ब्लड शुगर ब्लड वेसेल्स में रह जाता है। इससे बीपी बढ़ने लगता है। इसके अलावा ब्लड शुगर, शरीर में कैटेकोलामाइन प्रतिक्रिया को तेज करता है जिससे ब्लड वेसेल्स को नुकसान होने लगता है और बलड प्रेशर बढ़ जाता है। ये है साइलेंट अटैक के शुरुआती लक्षण
- सीने में दर्द
- सांस लेने में परेशानी
- बाएं हाथ में दर्द
- जबड़े में दर्द
- पीठ से लेकर कमर तक
- मतली और उल्टी
- चक्कर आना
जबलपुर के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. आरएस शर्मा ने कहा कि लक्षण को नजरंदाज न करें। तत्काल चिकित्सकीय परामर्श लें। बीपी, इसीजी, कोलेस्ट्रॉल शुगर व थायराइड की जांच कराएं। कोई पारिवारिक इतिहास है तो भी सतर्ककता बरत कर जान बचाई जा सकती है।
साइलेंट अटैक के कारण
- हृदय रोग, जैसे कि हाइपरटेंशन, हाई कोलेस्ट्रॉल और मधुमेह
- अगर परिवार में हृदय रोग का इतिहास है
- धूम्रपान और अत्यधिक शराब का सेवन
- तनाव और शारीरिक गतिविधि की कमी
ऐसे कर सकते है अपना बचाव
- नियमित जांच करवाना और हृदय रोग के खतरे को कम करने के लिए जीवनशैली में बदलाव करना
- स्वस्थ आहार लेना और शारीरिक गतिविधि में बढ़ोतरी
- धूम्रपान और अत्यधिक शराब के सेवन से बचना