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जानकारी के अनुसार बीए द्वितीय वर्ष के इतिहास विषय की परीक्षा में मुगलकाल के इतिहास से सम्बंधित सवाल 1206 ईसवी सदी के बाद से पूछे जाने थे। लेकिन प्रश्न-पत्र में 1204 के पहले के सवाल पूछे गए। इनमें मौर्य वंश की स्थापना किसने की, चंद्रगुप्त द्वितीय की उपाधियां क्या थीं, अशोक के धर्म प्रचार के साधन क्या थे सवाल शामिल थे। परीक्षा केंद्र जानकी रमण कॉलेज, डीएन जैन, केशरवानी कॉलेज में छात्रों ने इन सवालों पर आपत्ति दर्ज कराई। केंद्र में मौजूद शिक्षकों और केंद्राध्यक्षों ने भी स्वीकार किया कि प्रश्न पत्र में पूछे गए सभी प्रश्न निर्धारित पाठ्यक्रम के अनुसार नहीं थे। जबलपुर के साथ अन्य जिलों में भी परीक्षा केंद्रों में विवाद की स्थिति बनी।
बीए द्वितीय के इतिहास विषय की परीक्षा में पाठ्यक्रम से हटकर प्रश्न पूछे जाने की जांच कर रहे हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन ने विषय विशेषज्ञ से अभिमत लेकर विद्यार्थियों के हित में दोबारा परीक्षा कराने का निर्णय किया है। – डॉ. आरके बघेल, रजिस्ट्रार, रादुविवि
प्राध्यापक 3 साल के लिए परीक्षा कार्य से निष्कासित
रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय(Rani Durgavati University) प्रशासन ने विवादित प्रश्न-पत्र बनाने वाली महिला प्राध्यापक डॉ. सविता सुहाने को तीन साल के लिए परीक्षा कार्य से निष्कासित कर दिया है। प्रश्न-पत्र बनाने और मूल्यांकन कार्य से भी हटा दिया गया है। यह निर्णय विद्या परिषद की स्थायी समिति की बैठक के बाद विवि प्रशासन ने लिया है। निरस्त प्रश्न के पूरे अंक विद्यार्थियों को दिए जाएंगे।
रानी दुर्गावती का मकबरा?
बीएससी द्वितीय वर्ष की परीक्षा के फाउंडेशन कोर्स, पेपर-4 के ‘महिला सशक्तिकरण’ विषय के प्रश्न-पत्र में ‘रानी दुर्गावती का मकबरा(Rani Durgavati Tomb) कहां बना है’ पूछा गया था। डॉ. सुहाने माता गुजरी महिला कॉलेज के वाणिज्य संकाय में प्राध्यापक हैं। महिला सशिक्तकरण किताब का प्रकाशन करने वाले भोपाल के ठाकुर पब्लिकेशन पर भी कार्यवाही के लिए विवि प्रशासन उच्च शिक्षा विभाग को पत्र लिखेगा।