यदि याचिकाकर्ता सरकार के निर्णय से संतुष्ट नहीं होते हैं, तो उन्हें उचित मंच पर अपनी शिकायत दर्ज कराने का अधिकार होगा। याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि 2024 की माध्यमिक शिक्षक चयन परीक्षा में उर्दू विषय के शिक्षक पद को शामिल नहीं किया, जबकि पद खाली पड़े हैं।
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने क्यों जारी किया आदेश
दरअसल,
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट (High Court Jabalpur) में
छिंदवाड़ा की फातिमा अंजुम ने इस संदर्भ की याचिका लगाई थी। इस याचिका परसुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को माध्यमिक शिक्षक भर्ती परीक्षा में उर्दू विषय को भी शामिल करने का आदेश दिया है।
याचिका में क्या कहा गया था?
याचिका में कहा गया था कि उर्दू विषय के शिक्षकों के पद खाली पड़े हैं और पिछले कुछ सालों से यह विषय भर्ती परीक्षाओं में शामिल नहीं था। याचिका में यह भी बताया गया था कि 2018 से 2023 तक चयन परीक्षाओं में उर्दू विषय के शिक्षक के लिए परीक्षा दी गई थी, लेकिन 2024 की परीक्षा में उर्दू विषय को छोड़कर सभी अन्य विषयों को विज्ञापित किया गया, जिससे उर्दू शिक्षक भर्ती प्रभावित हो रही है। जबकि उर्दू विषय के शिक्षकों के पद बड़ी संख्या में खाली पड़े हैं, इन पर भर्ती प्रक्रिया लंबे समय से अटकी हुई है।
5000 से ज्यादा शिक्षकों को होगा फायदा
उर्दू विषय को शिक्षक भर्ती परीक्षा में शामिल करने से 5,000 से ज्यादा उर्दू शिक्षकों को लाभ मिलेगा। बता दें कि यह निर्णय मध्यप्रदेश हाईकोर्ट का था और सरकार को आदेश दिया गया है कि उर्दू विषय को शिक्षक भर्ती परीक्षा में शामिल किया जाए। कोर्ट के इस आदेश के बाद इसे लागू करने के लिए राज्य सरकार को आवश्यक कदम उठाने होंगे।