CG News: बड़ा घोटाला कर शासन को लगाया चूना
प्राथमिक जांच में करीब 2 करोड़ 62 लाख रुपए के राशन का गबन उजागर हुआ है।
खाद्य विभाग के आधार पर 87 राशन दुकानों की अनियमितता पाई गई है, जिनके खिलाफ नोटिस जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। संबंधित विक्रेताओं से जवाब तलब करने के बाद प्रशासनिक कार्रवाई तय मानी जा रही है।
इस घोटाले ने खाद्य विभाग की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। पूर्व में हो चुके घोटालों के बावजूद विभाग की ओर से प्रभावी निगरानी और सुधारात्मक कदम नहीं उठाए गए। इसी लापरवाही का नतीजा है कि करोड़ों रुपए का राशन आम जनता को मिलना था, लेकिन इसे राशन विक्रेता डकार गए।
यदि पीडीएस दुकानों की नियमित रुप से भौतिक सत्यापन होता तो शायद ही पीडीएस संचालक इतनी बड़ी-गड़बड़ी कर पाते हैं। अफसोस तो इस बात का है, कि ऐसे विक्रेताओं पर विभाग की ओर से सख्त कार्रवाई नहीं होती है। यही कारण है कि मुनाफाखोरी के लिए राशन दुकान संचालन के लिए गांव से लेकर शहर तक दावेदारी के लिए होड़ मची रहती है। ताकि बड़ा घोटाला कर शासन को चूना लगाया जाए और अपनी जेब भरी जाए।
जांच होगी तेज, दोषियों पर सख्त कार्रवाई तय
खाद्य विभाग ने संकेत दिए हैं कि अब इस मामले में तेज जांच और सख्त कार्रवाई की जाएगी। विभागीय सूत्रों के अनुसार, जिन दुकानदारों का घोटाले में नाम सामने आया है, उनकी लाइसेंस निरस्त करने से लेकर वसूली और आपराधिक प्रकरण दर्ज करने तक की कार्यवाही की जाएगी।
घनश्याम राठौर, खाद्य नियंत्रण अधिकारी: दुकानों में राशन का शॉर्टेज पाया गया है, उन्हें नोटिस जारी किया जाएगा। राशी वसूली और लाइसेंस निरस्त करने की कार्रवाई संबंधित पीडीएस संचालक के विरुद्ध विधिवत कार्रवाई की जाएगी।
विक्रेताओं में हड़कंप जनता में आक्रोश
CG News: इस घोटाले के उजागर होते ही राशन विक्रेताओं में हड़कंप मच गया है, वहीं दूसरी ओर जनता में गहरी नाराजगी देखने को मिल रही है। खासतौर पर तब जब एक ओर इस समय पर अपनी मांगों को लेकर राशन विक्रेता हड़ताल पर हैं, और दूसरी ओर जनता के हिस्से का अन्न हड़पने के मामले सामने आया है। एक तरफ सरकार राशन वितरण में पारदर्शिता लाने का दम भर रही है, दूसरी तरफ वितरण व्यवस्था व्यवस्था की जड़ें हिलीं, जब चावल के पहाड़ गायब हुए हैं।