इन छात्रों के रुकने के लिए विश्वविद्यालय सहित कालेजों में हास्टल की खासी दिक्कत आन पड़ी है। यही हालत इंजीनियरिंग कालेज, एग्रीकल्चर कालेज, आत्मानंद कालेज, हार्टीकल्चर कालेज में भी है। शासन प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
CG News: विश्वविद्यालय को आत्मानंद का सहारा, पर वहां भी फर्नीचर नदारद
शमक विश्वविद्यालय में हास्टल की सीमित सुविधाएं हैं। इस सत्र में की व्यवस्था की गई है। जिसमें सुकमा, बीजापुर, दंतेवाड़ा, नारायणपुर, कोंडागांव, कांकेर व अन्य जिले के छात्रों को भी प्रवेश दिया गया है। इस बार 128 फॉर्म प्राप्त हुए हैं। जबकि इससे दोगुनी संख्या में छात्र हॉस्टल के लिए भटक रहे हैं। हालांकि विवि प्रबंधन ने आत्मानंद कालेज के हास्टल को अपना लिया है पर इसमें फर्नीचर ही नहीं है। आने वाले समय में यह समस्या और विकराल होगी। वार्डन व स्टाफ की भी यहां खासी कमी है। एक-एक बेड पर चार-चार विद्यार्थी रह रहे
कुम्हारवंड में शहीद गुंडाधुर कृषि कॉलेज व अनुसंधान केंद्र बनाया गया है। यहां पर बस्तर व राज्य के साथ आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, केरल व बाहर के अन्य राज्य से भी छात्र अध्ययन करने पहुंच रहे हैं। यहां 250 सीटर बायज हास्टल है। पर इसकी मरम्मत की वजह से छात्र यहां नहीं रह पा रहे हैं। इसके अलावा दो पचास सीटर गर्ल्स हास्टल हैं। आवेदन इससे चार गुना पेंडिंग हैं। इसकी वजह से एक ही बेड में चार-चार विद्यार्थियों को ठहरने की अपर्याप्त सुविधांए हैं।
बीते दो सत्र से स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम कॉलेज का संचालन किया जा रहा है। इस कालेज व इसके निर्माणाधीन छात्रावास को चुनाव कार्य के दौरान सुरक्षाबलों के ठहरने के लिए दे दिया जा रहा था। इसलिए इस सत्र में ही यह कॉलेज अपने मूल भवन से संचालित किया जा रहा है। यहां पर सौ सीटर गर्ल्स हॉस्टल तो बना हुआ है। पर इस हॉस्टल में न तो बुनियादी सुविधाएं हैं न ही इसके लिए स्टाफ की नियुक्ति हो पाई है।
300 से ज्यादा सीट शार्टेज, शासन को भेजा गया है प्रस्ताव
CG News: शासकीय इंजीनियरिंग कालेज में शिक्षण ग्रहण करना बस्तर संभाग के छात्रों का सपना रहा है। चार दशक पुराने इस कालेज में छात्रों व छात्राओं के लिए चार हास्टल बने हुए हैं। दो-दो सौ सीटर इन हास्टल में नए अध्ययनरत छात्रों को जगह नहीं मिल पा रही है। प्रबंधन का कहना है कि तीन सौ से ज्यादा सीट शार्टेज है।