scriptCG News: बस्तरवासियों के लिए बड़ी खुशखबरी! भारत और इंग्लैंड दोनों में एक साथ बिकेगा महुआ का उत्पाद | CG News: Mahua product will be sold simultaneously in both India and England | Patrika News
जगदलपुर

CG News: बस्तरवासियों के लिए बड़ी खुशखबरी! भारत और इंग्लैंड दोनों में एक साथ बिकेगा महुआ का उत्पाद

CG News: पहले चरण में जहां वनोपज से उत्पाद बनाया जाएगा। दूसरे चरण में बस्तर में ही वनोपज के साथ यहां के आयुर्वेदिक पौधों की खेती की जाएगी और उससे आयुर्वेदिक दवाओं को बनाया जाएगा।

जगदलपुरDec 26, 2024 / 10:49 am

Laxmi Vishwakarma

CG News
CG News: बस्तरवासियों के लिए बड़ी खुशखबरी है। अब तक देश से बाहर जा रहा बस्तर का महुआ का उपयोग स्थानीय स्तर पर हो सकेगा। इसके लिए बस्तर में ही महुआ प्रसंस्करण केंद्र लगाया जा रहा है। अच्छी बात यह है कि यह वही ओ-फॉरेस्ट फूड प्राइवेट लिमिटेड कंपनी है जो अब तक महुआ को इंग्लैंड मंगाती थी।
इसका काम भी शुरू हो चुका है। इसके डायरेक्टर दीपम पटेल बताते हैं कि अब तक विदेश और स्थानीय स्तर पर इससे बनने वाली चाय और अन्य उत्पाद पूरे भारत और विदेश में भी बिकने को तैयार है। पहले चरण में महुआ चाय के लिए टी-बैग तैयार किया जा रहा है। जो एक साथ इंग्लैंड और इंडिया दोनों में बिकेगी।

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मौजूदा डायरेक्टर दीपम पटेल असल में अपने बड़े भाई अनिल पटेल का सपना पूरा कर रहे हैं। दरअसल इस कंपनी के डायरेक्टर अनिल और दीपम दोनों थे। मूल रूप से गुजरात में रहने वाला पटेल परिवार 50 साल पहले ही इंग्लैंड के लंदन में बस गया था।
वनोपज में महुए की खूबी से प्रभावित होने के बाद अनिल इसकी पहचान शराब की जगह आयुर्वेद और पौष्टिक चीजों में बदलने की ठानी थी। उन्होंने इसके लिए बस्तर में प्लांट लगाने की कोशिश की थी। इसके लिए वे बस्तर भी पहुंचे थे लेकिन इसी दौरान इसी साल फरवरी में बस्तर में ही उनकी हार्ट अटैक से मौत हो गई थी। इसके बाद उनके भाई दीपम इसके लिए प्रयास कर रहे हैं और वहीं प्रसंस्करण केंद्र लगा रहे हैं।
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रिसर्च के लिए विदेश से विशेषज्ञों को भेजा जाएगा

गौरलब है कि बस्तर के महुए का एक्सपोर्ट 2021 से ही इंग्लैंड भेजा जा रहा था। लेकिन अब बस्तर में ही वही कंपनी उद्योग लगा रही है। इसमें स्थानीय रूप से महुए के क्षेत्र में काम कर रही रजिया शेख उनकी पार्टनर होंगी। उन्होंने बताया कि आदिवासी संस्कृति को संरक्षित करते हुए यह भारत की पहली ईकाई होगी जो महुए की एक दर्जन उत्पाद बनाएगा। यह तीन चरणों में होगा।
पहले चरण में जहां वनोपज से उत्पाद बनाया जाएगा। दूसरे चरण में बस्तर में ही वनोपज के साथ यहां के आयुर्वेदिक पौधों की खेती की जाएगी और उससे आयुर्वेदिक दवाओं को बनाया जाएगा। इसके साथ ही तीसरे चरण में यहां रिसर्च के लिए विदेश से विशेषज्ञों को भेजा जाएगा। साथ ही स्थानीय लोगों के लिए रोजगार और इसके सबंध में उन्हें स्थानीय बोली व भाषा में जानकारी दी जाएगी। जिससे की वे महुआ को सिर्फ शराब के लिए नहीं हेल्दी और जरूरी चीज के रूप में समझे।

भारत में लगनी वाली पहली इकाई, एक दर्जन से अधिक उत्पाद बनेंगे

CG News: कंपनी डायरेक्टर दीपम पटेल ने बताया कि यह प्रसंस्करण युनिट मूल रूप से महुए पर पूरी तरह से बेस्ड है। लेकिन इसके अलावा अन्य वनोपज के लिए भी काम आ सकेगी। मिली जानकारी के अनुसार इसमें इमली और अन्य उत्पाद के सामान भी तैयार हो सकेंगे। उन्होंने बताया कि इस युनिट से एक दर्जन से भी अधिक उत्पाद निर्मित होंगे। इसमें चाय, चाय, निब्स, माउथ फे्रशनरस, चॉकलेट, एनर्जी बार, बिस्किट समेत एक दर्जन से अधिक उत्पाद बनाए जा सकेंगे।

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