CG News: पब्लिक ट्रांसपोर्ट की कनेक्टिविटी नहीं
बताया जा रहा है कि पहले चरण में योजना के तहत दक्षिण और उत्तर
बस्तर के 50 से ज्यादा अंदरूनी रूट पर बस शुरू की जाएगी। बस्तर को नक्सलमुक्त करने का अभियान चल रहा है, इसी के समानांतर भीतरी इलाकों में रहने वालों को सरकार हर वह सुविधा उपलब्ध कराने जा रही है, जो डेवलप एरिया में दी जा रही है।
दक्षिण और उत्तर बस्तर में बड़ा इलाका ऐसा है, जहां पब्लिक ट्रांसपोर्ट की कनेक्टिविटी नहीं है। इन बसों से स्कूली बच्चों और शिक्षकों को सुविधा तो होगी ही, भीतरी इलाकों के निवासी जो अब तक हॉट-बाजार ही पहुंचते हैं, बसों से बाहर के कस्बों-शहरों तक आना-जाना कर सकेंगे। सीएम बसें अंदरूनी इलाकों में चलेंगी और अगर उन्हें सवारी नहीं मिली तो ऑपरेटर इसे बंद कर सकते हैं, सरकार ने इस आशंका को इस योजना में सबसे पहले खत्म किया है।
ऑपरेटरों को किया जाएगा पेमेंट
CG News: ऑपरेटर को पहले, दूसरे और तीसरे साल में प्रति किमी बस चलाने के लिए सरकार की ओर से फिक्स रकम दी जाएगी। मान लिया जाए कि अगर शुरू में सवारी नहीं मिल रही है, तो बसों में लगे जीपीएस के जरिए यह डेटा मिल जाएगा कि कितनी दूरी तय की गई है। उस हिसाब से सरकार की तरफ से ऑपरेटरों को पेमेंट किया जाएगा, ताकि वह बस चलती रहे।
इसकी निगरानी भी होगी कि इन बसों का एक फेरा भी कैंसिल न हो। जो सवारी
सीएम बसों में सफर करेगी, इनसे लिया गया किराया ऑपरेटर की आय होगा। ऑपरेटर तय करने के मामले में भी सीएम बसों को संचालित करने के लिए बनाई जा रही समिति बहुत सावधानी बरतेगी। परमिट इस तरह जारी किया जाएगा, ताकि यह सेवा किसी भी तरह से बड़े ऑपरेटरों के शिकंजे में न फंसे।
बैठक के बाद शुरू कर दी जाएगी योजना
CG News: सामान्य लोगों के लिए इन बसों का किराया वही होगा, जो अभी बाकी बसों में लिया जा रहा है। लेकिन कुछ वर्गों को सरकार ने छूट देने की घोषणा भी कर रखी है। जैसे, नक्सल प्रभावित लोगों का बसों का किराया आधा होगा। जाहिर है कि बस्तर के अंदरूनी गांवों में लगभग सभी लोग नक्सल प्रभावित हैं, इसलिए अधिकांश सवारी को मौजूद रूटीन किराए का आधा ही लगेगा। सरकार ने योजना का पूरा खांका तैयार कर लिया है अब बस ऑपरेटरों के साथ अंतिम दौर की बैठक के बाद योजना शुरू कर दी जाएगी।