पत्रिका ने अपनी जनसरोकार से जुड़ी पत्रकारिता को आगे बढ़ाते हुए बस्तर की सबसे बड़ी मांग को पूरा करवाने के लिए मिशन स्तर पर खबर प्रकाशित की और लगातार जिम्मेदारों से इस पर सवाल पूछा जाता रहा कि आखिर कर बायपास का काम शुरू होगा। रविवार को इससे जुड़ी खबर आई।
केंद्रीय सडक़ परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने एक्स पर लिखते हुए बताया कि 308 करोड़ रुपए की लागत से पेव्ड शोल्डर मानक के साथ 4 लेन में
केशकाल बाईपास का निर्माण किया जाएगा। बायपास के लिए इससे पहले भी 120 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए थे लेकिन यह काम पूरा नहीं हुआ। ठेकेदार ने बीच में ही काम छोड़ दिया।
पत्रिका बताता रहा कि घाट की सड़क मौजूदा ट्रैफिक लोड के लायक नहीं
पत्रिका ने अपनी खबरों के माध्यम से लगातार बताया कि घाट की नई सडक़ भी मौजूदा ट्रैफिक लोड को संभालने लायक नहीं है। हमने एनएचआई के उस सर्वे का भी जिक्र किया जिसमें कहा गया कि जगदलपुर-रायपुर के बीच ट्रैफिक लोड लगातार बढ़ रहा है और केशकाल घाट में लगने वाला जाम तभी खत्म होगा जब बायपास बने। हमने यह भी बताया कि जगदलपुर-रायपुर के बीच तीन बायपास बन चुके हैं लेकिन केशकाल बायपास का काम ही नहीं हो रहा है।
पिछली खबर में गडकरी का जिक्र और अब उन्होंने ही घोषणा की
घाट से जुड़ी पिछली खबर में ही पत्रिका ने बताया कि कैैसे देश के सबसे सक्रिय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी की बात को भी नहीं सुना जा रहा है। वे लगातार बायपास के10 साल पुराने प्रोजेक्ट को पूरा करने की बात कहते रहे लेकिन जिम्मेदार विभाग इस पर काम नहीं कर सका। अब गडकरी ने ही रविवार को बस्तर की सबसे बड़ी सौगात से जुड़ी घोषणा एक्स पर की। इसके बाद मुख्यमंत्री ने भी एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि यह बाईपास केशकाल घाट की यातायात बाधाओं को दूर कर सुगम, सुरक्षित व निर्बाध यात्रा सुनिश्चित करेगा। बस्तर जैसे जनजातीय अंचल को मुयधारा से जोडऩे की दिशा में यह एक और ठोस कदम है। इस बाइपास के बन जाने से आवागमन में सुविधा होगी।