कार्यक्रम की सबसे खास बात यह रही कि 128 लोगों ने ‘गिवअप अभियान’ के तहत स्वेच्छा से खाद्य सुरक्षा योजना से नाम हटवाने का निर्णय लिया। इन लोगों ने पात्रों को लाभ देने की भावना से प्रेरित होकर यह कदम उठाया। इसके साथ ही 30 से अधिक ग्रामीणों ने ‘पीएम सूर्यघर बिजली योजना’ का लाभ लेने का संकल्प भी लिया।
रात्रि चौपाल में पेयजल, बिजली, सड़क, चिकित्सा, पेंशन, पट्टे, राजस्व रिकॉर्ड शुद्धि, अतिक्रमण हटाने, श्मशान एवं खेल मैदान भूमि आवंटन जैसी अनेक समस्याएं सामने आईं। जिला कलक्टर ने तत्परता दिखाते हुए ज्यादातर समस्याओं का समाधान मौके पर ही किया, जबकि शेष मामलों के लिए संबंधित विभागों को समयबद्ध निस्तारण के निर्देश दिए।
इस दौरान राजस्व रिकॉर्ड में त्रुटियों को भी सुधारा गया और ग्रामीणों को ‘खेती री बातां’ कृषि पत्रिका की जानकारी देकर कृषि नवाचारों से जोड़ने का प्रयास किया गया। साथ ही अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि किसान हित में नवीनतम कृषि तकनीकों की जानकारी गांव-गांव पहुंचाई जाए।
डॉ. सोनी ने ग्रामीणों से राज्य सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन पर फीडबैक भी लिया और अधिकारियों को निर्देशित किया कि हर पात्र व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ सुनिश्चित रूप से पहुंचे। इस रात्रि चौपाल ने न केवल समस्याओं के समाधान का मंच प्रदान किया, बल्कि जन-भागीदारी और प्रशासन की पारदर्शिता का प्रेरणादायक उदाहरण भी प्रस्तुत किया।