मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए कि ऐसे सभी अवैध नागरिकों की पहचान कर उन्हें जल्द से जल्द डिपोर्ट किया जाए। उन्होंने कहा कि राज्य की सुरक्षा सर्वोपरि है। ऐसे तत्व जो सामाजिक ताने-बाने को प्रभावित कर सकते हैं, उन्हें किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने इस दौरान यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि निर्दोष नागरिकों को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो। इसके लिए स्थानीय समुदायों से संवाद और सहयोग की प्रक्रिया को प्राथमिकता देने को कहा गया।
पाकिस्तान के बाद बांग्लादेशियों पर कार्रवाई
बताते चलें कि सीएम का यह निर्देश ऐसे समय में आया है जब हाल ही में पाकिस्तानी नागरिकों के खिलाफ भी कार्रवाई की गई थी। बीते 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद केंद्र और राज्य सरकारें सक्रिय हो गई हैं। राजस्थान में पहले वीजा अवधि पूरी कर चुके पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे में देश छोड़ने का आदेश दिया गया था। अब बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की जा रही है।
चिन्हित बस्तियों में चलेगा सत्यापन अभियान
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने संदिग्ध बस्तियों, रेल स्टेशनों, मजदूर बस्तियों और सीमावर्ती क्षेत्रों में विशेष सत्यापन और तलाशी अभियान चलाने को कहा है। गृह विभाग, पुलिस व खुफिया एजेंसियां मिलकर यह ऑपरेशन चलाएंगी। राज्य सरकार की योजना के मुताबिक स्थानीय निकायों और निवास प्रमाणों का सत्यापन, किरायेदारों व श्रमिकों का रिकॉर्ड जांच और संदिग्धों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई और निर्वासन की प्रक्रिया चलेगी।
देशभर में हो रही है कार्रवाई
राजस्थान के अलावा अन्य राज्यों में भी ऐसे अभियान चलाए जा रहे हैं। हाल ही में गुजरात में जीआरपी (रेलवे पुलिस) ने अहमदाबाद और वडोदरा से 9 अवैध बांग्लादेशी नागरिकों को हिरासत में लिया। गुजरात के गृह राज्यमंत्री हर्ष संघवी ने जानकारी दी कि ये सभी नागरिक बिना वैध दस्तावेजों के भारत में प्रवेश कर चुके थे और विभिन्न स्थानों पर काम कर रहे थे। दिल्ली पुलिस ने भी इसी महीने एक सघन अभियान के तहत कई अवैध नागरिकों को गिरफ्तार किया है।
सरकार की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने बैठक के दौरान स्पष्ट किया कि राज्य सरकार इस मसले पर ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति पर काम कर रही है। उन्होंने अधिकारियों को चेताया कि इस अभियान में कोई ढिलाई या लापरवाही नहीं होनी चाहिए।