मुख्यमंत्री शुक्रवार को निर्जला एकादशी के अवसर पर दुर्गापुरा रेलवे स्टेशन (जयपुर) से इस ट्रेन को तीन बजे हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। इससे पूर्व स्टेशन को सजाया गया। फोटो-पत्रिका।
Rajasthan Gaurav Tourist Train:जयपुर। राज्य सरकार द्वारा वरिष्ठ नागरिकों के लिए पहली बार वातानुकूलित “राजस्थान वाहिनी भारत गौरव पर्यटक ट्रेन” से रामेश्वरम की निशुल्क तीर्थ यात्रा करवाई जा रही है। मुख्यमंत्री शुक्रवार को निर्जला एकादशी के अवसर पर दुर्गापुरा रेलवे स्टेशन (जयपुर) से इस ट्रेन को तीन बजे हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे।
यह भव्य ट्रेन राजस्थान की संस्कृति एवं परंपराओं की झलक लिए हुए है और इसका बाहरी स्वरूप “पैलेस ऑन व्हील्स” से भी अधिक आकर्षक है। इस विशेष ट्रेन में लगभग 800 वरिष्ठ नागरिक तीर्थयात्रा पर सवाई माधोपुर मार्ग होते हुए रामेश्वरम व मदुरै जाएंगे।
यात्रा के दौरान यात्री रामनाथस्वामी ज्योतिर्लिंग, धनुषकोटि, ब्रह्मकुंड व मीनाक्षी मंदिर जैसे प्रमुख तीर्थ स्थलों के दर्शन करेंगे। यह देवस्थान विभाग द्वारा आयोजित अब तक की सबसे लम्बी दूरी की तीर्थ यात्रा है। आठ दिवसीय इस यात्रा के दौरान यात्रियों के भोजन, आवास, भ्रमण व चिकित्सा सहित सभी व्यवस्थाएं सरकार द्वारा निशुल्क की गई हैं।
प्रत्येक कोच में दो सरकारी कर्मचारी, एक डॉक्टर व दो नर्सिंग अधिकारी यात्रियों की सुविधा के लिए साथ होंगे। साथ ही एक ट्रेन प्रभारी भी यात्रा की निगरानी करेगा। यात्रियों को आवेदन पत्र की हार्ड कॉपी, चिकित्सीय प्रमाण-पत्र, जनआधार/आधार कार्ड और दो पासपोर्ट फोटो साथ लानी अनिवार्य होगी। साथ ही व्यक्तिगत दैनिक उपयोग की सामग्री भी साथ लानी होगी।
यह यात्रा वरिष्ठ नागरिक तीर्थयात्रा योजना 2025 के तहत राज्य सरकार की बजट घोषणा के अनुरूप है, जिसके अंतर्गत 50,000 वरिष्ठ नागरिकों को ट्रेन से तीर्थ यात्रा कराई जाएगी।
ट्रेन में क्या है खास
यह प्रयास किया गया है कि राजस्थानी वरिष्ठजन इस ट्रेन में सवार होकर अपनी धरती व संस्कृति पर गर्व कर सकें, साथ ही यह ट्रेन जहां जाएं, वहां अन्य लोगों को भी आकर्षित कर राजस्थान में पर्यटन को बढ़ावा दे। राजस्थान वाहिनी भारत गौरव पर्यटक ट्रेन में कुल 14 कोच हैं, जिसमें 10 यात्री कोच हैं। राजस्थान के दुर्ग, पुरासम्पदा, मंदिर, नृत्य, वाद्य, उत्सव, कला आदि वैशिष्ट्य की थीम पर अलग-अलग डिब्बों को सजाया गया है। मरुधरा में सूर्योदय व सूर्यास्त की स्वर्णिम आभा को प्रदर्शित करने के लिए इसकी थीम में पीताभ केसरिया रंग को वरीयता दी गयी है।
डिजाइन में राजस्थान के राजसी स्वरूप के साथ-साथ मंदिर व शुभत्व के विविध प्रतीकों व चिह्नों का भी प्रयोग किया गया है। डिजाइन में राजस्थान की पहचान बने पशु-पक्षियों को भी विशेष स्थान दिया गया है। इनमें गाय व ऊंट के अतिरिक्त रणथम्भौर के बाघ व तालछापर के कृष्णमृग को भी स्थान दिया गया है।
भारतीय सेना में राजस्थान के योगदान को समर्पित
ट्रेन में एक कोच को विशेष रूप से भारतीय सेना में राजस्थान के योगदान को समर्पित किया गया है, जिसमें जैसलमेर वार म्यूजियम, तनोट बॉर्डर, महाजन (महाद्वीप की सबसे बड़ी) फायरिंग रेंज का चित्रण प्रमुख है। पैंट्री कार में राजस्थान के व्यंजनों को भी प्रमुखता से प्रदर्शित किया गया है। केर-सांगरी, बाजरे की रोटी, राबड़ी, लस्सी, कुल्फी आदि का प्रदर्शन किया गया है। इसी प्रकार पावर कार को भी विशेष रूप से सुसज्जित किया गया है।
तीर्थयात्रियों के सुविधा के लिए एप
यात्रियों को दुर्गापुरा और सवाई माधोपुर रेलवे स्टेशन पर पहुंचने सूचित करने के लिए पहली बार ऐप आधारित व्यवस्था भी प्रारंभ की जा रही है, ताकि समस्त प्रक्रिया त्वरित रूप में पूर्ण की जा सके। एकादशी की तिथि को शुभारंभ के समय श्रीकृष्ण रास के साथ कार्यक्रम संचालन होगा व प्रत्येक तीर्थयात्री को तुलसी माला व पटवस्त्र देकर विदा किया जाएगा।