दरअसल, गिरफ्तार आरोपी विजेंद्र जोशी (30), पुत्र मदन लाल, बलारा (सीकर) का निवासी है और वर्तमान में जयपुर की इंटेलिजेंस ट्रेनिंग अकादमी में प्रशिक्षण ले रहा था। SOG के अतिरिक्त महानिदेशक वीके सिंह ने बताया कि जोशी का नाम पहले गिरफ्तार आरोपियों- पुरुषोत्तम दाधीच, संदीप लाटा और कुंदन पाण्ड्या से पूछताछ में सामने आया। इन तीनों ने कई उम्मीदवारों को परीक्षा से पहले लीक पेपर उपलब्ध कराया था, जिसमें जोशी भी शामिल था। इस खुलासे के बाद सवाल उठ रहे हैं कि पेपर लीक के तार कितनी गहराई तक फैले हुए थे?
पेपर लीक से बना पुलिस अफसर
SOG के सूत्रों के अनुसार, जोशी ने 2021 की SI भर्ती परीक्षा से पहले लीक हुआ पेपर पढ़कर सफलता हासिल की थी। जोशी को शनिवार दोपहर कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे 9 जून तक दो दिन की रिमांड पर भेजा गया। रिमांड के दौरान SOG पेपर लीक नेटवर्क की और कड़ियों का पता लगाने की कोशिश करेगी।
पहले भी हो चुकी हैं गिरफ्तारियां
यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले SOG ने ट्रेनी SI रेनू, सुरेंद्र बगड़िया और सुरजीत को भी पेपर लीक मामले में गिरफ्तार किया था। इन सभी ने दाधीच, लाटा और पाण्ड्या से लीक पेपर हासिल किया था। 29 अक्टूबर 2024 को SOG ने 20 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी, जिसमें कई चौंकाने वाले खुलासे हुए। अब तक इस मामले में 80 से अधिक लोग गिरफ्तार हो चुके हैं, जिनमें करीब 50 ट्रेनी सब इंस्पेक्टर शामिल हैं।
जांच में और खुलासों की संभावना
गौरतलब है कि SOG की जांच अब उन अधिकारियों की भूमिका की भी पड़ताल कर रही है, जो इस नेटवर्क के बारे में जानते हुए चुप रहे। सूत्रों के मुताबिक कुछ और लोग SOG की रडार पर हैं। आने वाले दिनों में और बड़े खुलासों की संभावना है, क्योंकि SOG इस साजिश की तह तक जाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है।