विद्यार्थियों की राय बनी बदलाव की वजह
इस फैसले की नींव तब पड़ी जब बोर्ड अध्यक्ष आलोक राज ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर एक ऑनलाइन सर्वे किया। इस सर्वे में 23,612 विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया और तीन तरह के विकल्पों पर अपनी राय दी। ऑनलाइन सर्वे रिपोर्ट
- 1-हिंदी और अंग्रेजी आमने-सामने हो – 72.9%
- 2-हिंदी ऊपर और अंग्रेजी नीचे हो – 18.9%
- 3-अंग्रेजी ऊपर और हिंदी नीचे हो – 8.3%
स्पष्ट था कि
अधिकांश परीक्षार्थियों (73%) ने यह चाहा कि प्रश्नपत्र में हिंदी और अंग्रेजी एक साथ आमने-सामने हों, जिससे प्रश्नों को समझने में आसानी हो और परीक्षा का समय बचाया जा सके। इस सर्वे के परिणामों को ध्यान में रखते हुए
बोर्ड ने तुरंत यह बदलाव लागू करने का निर्णय लिया।
क्या होगा इस बदलाव का असर?
इस बदलाव से परीक्षार्थियों को निश्चित रूप से लाभ होगा। पहले कई परीक्षाओं में हिंदी और अंग्रेजी में प्रश्न अलग-अलग कॉलम या सेक्शन में दिए जाते थे, जिससे भाषा परिवर्तन में समय बर्बाद होता था। लेकिन अब दोनों भाषाओं को आमने-सामने रखने से छात्र अपनी सुविधा के अनुसार किसी भी भाषा में प्रश्न को पढ़ सकते हैं और उत्तर दे सकते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह नया पैटर्न परीक्षा में सटीकता और गति को बढ़ावा देगा। हिंदी भाषी और अंग्रेजी माध्यम के विद्यार्थियों के बीच समानता बनी रहेगी और भाषा के कारण कोई छात्र पीछे नहीं रहेगा।