राजस्थान विधानसभा में गुरूवार को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अनुदान मांगों पर बहस के दौरान भाजपा विधायक कालीचरण सराफ ने मुख्य सचिव और डीजीपी के बंगले बदले जाने का मुद्दा उठाया। विधायक सराफ ने सदन में कहा कि मुख्य सचिव और डीजीपी के बंगले ऐसी जगह हैं, जिस कारण से उन्हें सचिवालय या मुख्यमंत्री की बैठक में पहुंचने में भी वक्त लग जाता है। ऐसे में मुख्य सचिव और डीजीपी के बंगले बदल दिए जाएं।
विधायक कालीचरण सराफ ने विधानसभा में कहा कि मुख्य सचिव और डीजीपी, इन दोनों को सचिवालय या मुख्यमंत्री की बैठक में पहुंचने में भी वक्त लग जाता है। दोनों के दो-दो, छह-छह हजार वर्ग गज में बने बंगलों को आप खाली करवाइए और एसएमएस हॉस्पिटल को दीजिए। इनको मुख्यमंत्री के पास मंत्रियों के लिए आरक्षित बंगलों में से दीजिए। ऐसे बंगलों में शिफ्ट कीजिए, जिससे कि सरकार का काम पड़े तो जल्दी पहुंच सके। किसी विधायक के टोकने पर कहा कि- करवा लीजिए खाली, सभी अपनी सरकार के लोग हैं।
दिया जाए 15 से 20 फीसदी विशेष भत्ता
विधायक सराफ ने कहा कि गांव और छोटे शहरों में डॉक्टर पोस्टिंग के बावजूद नहीं जाते हैं, इसका कारण वहां पर सुविधा नहीं होना है। छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों में तैनात डॉक्टर्स को 15 से 20 फीसदी विशेष भत्ता दिया जाना चाहिए। जबकि शहरों में डॉक्टर्स की पोस्टिंग पर उन्हें शहरी भत्ता दिया जाता है।
साथ ही उन्होंने कहा कि ग्रामीण इलाकों में डॉक्टर्स इसलिए नहीं जाते, क्योंकि उनका तर्क है कि वहां उनके बच्चों की शिक्षा के लिए अच्छे स्कूल नहीं है, दूसरी सुविधाएं नहीं है। ग्रामीण इलाकों के छोटे शहरों में तैनात डॉक्टर के बच्चों के लिए जयपुर सहित संभाग के मुख्यालयों पर नामी प्राइवेट स्कूलों में सीटें आरक्षित करने का प्रावधान करना चाहिए, ताकि उनके बच्चे वहां पढ़ सकें।