scriptपहली बार गोविन्द देवजी के रंग-गुलाल से नहीं खेली जाएगी होली, दर्शन व्यवस्था में भी किए कई बदलाव | First time Holi will not play at Govind dev ji temple Darshan timing also changed | Patrika News
जयपुर

पहली बार गोविन्द देवजी के रंग-गुलाल से नहीं खेली जाएगी होली, दर्शन व्यवस्था में भी किए कई बदलाव

13 और 14 मार्च को होली-धुलंडी के दिन गोविंद देवजी मंदिर में श्रद्धालुओं के दर्शन व्यवस्था में किया बदलाव, गुलाल, वाटर कलर, कलर सिलेंडर का उपयोग रहेगा निषेध

जयपुरMar 06, 2025 / 06:05 pm

pushpendra shekhawat

govind devji holi
जयपुर। आराध्य देव गोविन्द देवजी के इस बार रंग-गुलाल से होली नहीं खेली जाएगी। श्रद्धालु ठाकुरजी के साथ फूलों की होली ही खेल सकेंगे। किसी भी प्रकार के गुलाल, वाटर कलर, कलर सिलेंडर का उपयोग निषेध रहेगा। इसके साथ ही गोविंद देवजी मंदिर में होली 13 मार्च और धुलंडी 14 मार्च के दिन श्रद्धालुओं के प्रवेश और दर्शन व्यवस्था में परिवर्तन किया है।

भीड़ को देखते हुए किया निर्णय

दर्शनार्थियों की बढ़ती भीड़ को देखते हुए डीसीपी नॉर्थ राशि डोगरा सहित अन्य पुलिस अधिकारियों के साथ मंदिर प्रबंधन से कई चरण में विचार-विमर्श के बाद इस व्यवस्था को अंतिम रूप दिया है। पुलिस के जवानों की हर जगह तैनाती रहेगी।

यह रहेगी व्यवस्था

मंदिर प्रशासन के मुताबिक यह व्यवस्था कमोबेश जन्माष्टमी की तरह रहेगी। मंदिर में जूते एवं चप्पल खोलने की कोई व्यवस्था नहीं रहेगी। मंदिर में नि:शुल्क जूता घर बंद रहेगा। दर्शनार्थियों से अपील की गई है कि वह अपने जूते-चप्पल खोल कर ही मंदिर में प्रवेश करें। जूते-चप्पल खोलकर आने वाले श्रद्धालु छांवण से दर्शन कर सकेंगे और जो जूते-चप्पल पहनकर आएंगे वे छांवण के बाहर से दर्शन कर सकेंगे।

मुख्य द्वार से ही प्रवेश

मंदिर में प्रवेश केवल मुख्य द्वार से होगा। जयनिवास बाग से प्रवेश निषेध रहेगा। ब्रह्मपुरी और कंवर नगर से आने वाले दर्शानार्थियों का प्रवेश भी मंदिर मुख्य द्वार से होगा। मंदिर के पीछे कुएं गेट से प्रवेश निषेध रहेगा। दर्शन करने के बाद श्रद्धालुओं का निकास पीछे जय निवास बाग की तरफ से होगा। यह व्यवस्था 13 और 14 मार्च को मंगला से शयन झांकी तक रहेगी।

वीडियो व रील बनाने वालों से समझाइश

पुलिस के अनुसार होली पर कई लोग मोबाइल से रील बनाने के चक्कर में कई देर तक मंदिर परिसर में अनावश्यक खड़े रहते हैं। इससे भीड़ एक ही जगह एकत्र हो जाती है। दर्शन करने आए लोगों को काफी परेशानी होती है। मंदिर में केवल दर्शन कर आगे बढ़ जाना चाहिए लेकिन युवाओं की टोलियां वहीं एक ही जगह एकत्र हो जाती है इससे बुजुर्गों, महिलाओं को काफी परेशानी होती है। ऐसे लोगों से समझाइश की जाएगी।

ऑनलाइन दर्शन की व्यवस्था

पुलिस प्रशासन और मंदिर प्रशासन ने अपील की है कि हृदय रोगी, डायबिटीज रोगी, ब्लड प्रेशर रोगी या जिन्हें सांस की तकलीफ है तथा अन्य किसी बीमारी से ग्रसित व्यक्ति भीड़ से अपनी सुरक्षा को देखते हुए मंदिर में नहीं आए। वे ऑनलाइन दर्शन करें।

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