सोमवार दोपहर दो बजे बोरवेल में गिरी थी तीन साल की चेतना दरअसल कोटपूतली जिले में स्थित किरतपुर गांव में बड़ियाली की ढाणी में रहने वाली धोल देवी की तीन साल की बच्ची चेतना परिवार के ही द्वारा खोदे गए सात सौ फीट गहरे बोरवेल में सोमवार दोपहर दो बजे जा गिरी। वह करीब एक सौ पचास फीट गहराई में जाकर फंस गई। इस बोरवेल से कुछ समय पहले ही परिवार ने पाइप निकाले थे, क्योंकि पानी की आवक नहीं हो रही थी।
एक घंटे बाद ही पहुंची थी पुलिस टीम और शुरू हुआ था रेस्क्यू अभियान उसके बाद चेतना का रेस्क्यू शुरू किया गया। पुलिस और बचाव दल की टीमें मौके पर पहुंची। गांव के लोग भी आए और सबसे पहले कैमरे और ऑक्सीजन का बंदोबस्त किया गया। चेतना के रोने की आवाजें और मां को पुकारने की आवाजें सोमवार देर शाम तक आ रही थीं। उसके बाद लगातार कैमरे से नजर रखी जा रही थी।
मंगलवार को एल शेप हुक और अंब्रेला तकनीक का लिया गया सहारा उसके बाद जेसीबी की मदद से खुदाई शुरू की गई। साथ ही एल शेप हुक और अंब्रेला तकनीक से बच्ची को बाहर निकालने का काम शुरू किया गया। मंगलवार को पूरे दिन इसी तरह से काम चलता रहा। साथ ही बच्ची पर नजर रखने के लिए कैमरे भी ऑपरेट किए जाते रहे, जिनमें बच्ची का मूवमेंट नजर आ रहा था। लेकिन सारे प्लान फेल होते चले गए। इसबीच सोमवार देर रात ही एसडीआरएफ, एनडीआरएफ की टीमें भी मौके पर आ गई।
बुधवार को हरियाणा से मंगाई गई पाइलिंग मशीन, अब देर रात बुलाए गए रेट माइनर्स उसके बाद बुधवार को सवेरे हरियाणा से पाइलिंग मशीन को मंगाया गया और उससे रेस्क्यू शुरू किया गया। लेकिन चौबीस घंटे के दौरान दो से तीन बार रेस्क्यू रोकना पड़ा। कभी पत्थर आने के कारण तो कभी और किसी परेशानी के चलते रेस्क्यू काम को बंद किया गया। उधर बुधवार देर रात कलक्टर कल्पना अग्रवाल भी मौके पर पहुंची और हालात का जायजा लिया। बाद में पता चला कि देर रात रेस्क्यू रोकना पड़ा जो आज सवेरे छह बजे से फिर शुरू किया गया है। बताया जा रहा है कि बच्ची करीब बीस से पच्चीस फीट दूरी पर फंसी हैं। उसे आज निकालने की पूरी उम्मीद है। पूरा शहर उसकी सलामती के लिए दुआ कर रहा है। देर रात रेट माइनर्स बुला लिए गए हैं।