सेना के सम्मान और सुरक्षा पर सवाल
कांग्रेस ने यह निर्णय हाल ही में हुए पहलगाम आंतकी हमला और उसके बाद सेना द्वारा चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद लिया है। पार्टी का कहना है कि सेना के जवानों की शहादत का राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए, लेकिन सरकार को सुरक्षा में हुई विफलताओं का जवाब देना चाहिए। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि पहलगाम जैसा हमला, जहां आतंकियों ने एक-एक कर आम नागरिकों को निशाना बनाया, यह सुरक्षा की नाकामी को दर्शाता है।जय हिंद सभाओं का लक्ष्य
कांग्रेस का उद्देश्य है कि इन सभाओं के जरिए देश में राष्ट्रवाद की एक सकारात्मक और समावेशी भावना को बढ़ावा दिया जाए, सेना के प्रति सम्मान प्रकट किया जाए और देशवासियों को सैनिकों के बलिदानों की अहमियत समझाई जाए।वरिष्ठ नेताओं को दी गई जिम्मेदारी
कांग्रेस ने देशभर में फैले 16 शहरों में ‘जय हिंद सभाओं’ के लिए अपने वरिष्ठ नेताओं को जिम्मेदारियां सौंपी हैं। इनमें से 4 नेता राजस्थान से हैं, जिन्हें राष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां दी गई हैं। अशोक गहलोत दिल्ली में सभा को संबोधित करेंगे, सचिन पायलट चंडीगढ़ में नेतृत्व करेंगे, हरीश चौधरी हल्द्वानी में सभा को संबोधित करेंगे और भंवर जितेंद्र सिंह गुवाहाटी में सभा की जिम्मेदारी निभाएंगे।बेंगलुरु- केसी वेणुगोपाल
शिमला- अजय माकन
जबलपुर- भूपेश बघेल
मुजफ्फरपुर- गौरव गोगोई
पुणे- पवन खेड़ा
भुवनेश्वर- दीपेंद्र हुड्डा
पठानकोट- कन्हैया कुमार
गोवा- कर्नल रोहित चौधरी
कोचीन- अनुमा आचार्या
दिल्ली- अशोक गहलोत
चंडीगढ़- सचिन पायलट
गुवाहाटी- भंवर जितेन्द्र सिंह
हल्द्वानी- हरीश चौधरी