अस्पताल प्रशासन के अनुसार नीमकाथाना निवासी गोविंद का ब्रेन डेड हो गया था और उसकी स्थिति गंभीर थी। अस्पताल प्रशासन ने उसके परिवार से अंगदान की अनुमति ली और इस प्रक्रिया को पूरी तत्परता और कुशलता से पूरा किया। गोविंद के हार्ट और किडनी को एसएमएस अस्पताल में ही जरूरतमंद मरीजों में प्रत्यारोपित किया गया। जबकि उसका लीवर जोधपुर के एम्स अस्पताल भेजा गया है। इसके लिए ग्रीन कॉरिडोर का सहारा लिया गया, जिससे लीवर को समय रहते जोधपुर पहुंचाया जा सका।
एसएमएस अस्पताल के अधिकारियों का कहना है कि अंगदान एक महान कार्य है, जो दूसरों की जिंदगी बचाने में सहायक होता है। एसएमएस अस्पताल में इस प्रकार के ट्रांसप्लांट की सुविधा पहले भी कई बार दी जा चुकी है। पिछले दिनों भी झालावाड़ से जयपुर व जोधपुर में हैलीकॉप्टर से अंगदान का मामला सामने आया था। इसके बाद जोधपुर में अंगदान करने का मामला सामने आया। चिकित्सकों का मानना है कि अब अंगदान को लेकर लोग जागरूक हो रहे है। जो अच्छी पहल है। इससे दूसरों की जिंदगी को बचाया जा सकता है।