scriptHoli 2025: दशकों से चली आ रही परंपरा पर विराम! गोविंद देवजी मंदिर में पहली बार बिना गुलाल खेली होली, जानें क्यों | For the first time in Govind Dev Ji temple, devotees played Holi without gulal | Patrika News
जयपुर

Holi 2025: दशकों से चली आ रही परंपरा पर विराम! गोविंद देवजी मंदिर में पहली बार बिना गुलाल खेली होली, जानें क्यों

Govind Dev Ji temple: रियासत काल के समय से जयपुर की होली विश्वविख्यात रही है। खासकर गोविंददेवजी मंदिर में भक्तों संग भगवान की होली को देखने दूर-दराज से श्रद्धालु आते हैं।

जयपुरMar 14, 2025 / 08:29 am

Anil Prajapat

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जयपुर। रियासत काल के समय से जयपुर की होली विश्वविख्यात रही है। खासकर गोविंद देवजी मंदिर में भक्तों संग भगवान की होली को देखने दूर-दराज से श्रद्धालु आते हैं। कई दशकों से यह परंपरा चली आ रही है। मगर इस बार भीड़ मैनेजमेंट के नाम पर मंदिर प्रशासन ने नया आदेश जारी कर दिया।
इसके तहत होली-धुलंडी के दिन भक्त ठाकुरजी के दर्शन कर सीधे ही बाहर चले जाएंगे। ऐसे में गोविंद देव जी मन्दिर में पहली बार बिना गुलाल के भक्तों ने होली खेली। जूते-चप्पल पहनकर आने वालों के लिए अलग लाइन और बिना जूते-चप्पल वालों की अलग लाइन रहेगी। इस व्यवस्था से होली पर गुरुवार को मंदिर परिसर (जगमोहन) सूना-सूना सा नजर आया। उधर, गोविंददेवजी मंदिर में सारे नियम आम श्रद्धालु के लिए ही हैं। वीआइपी भक्त के लिए कोई रोकटोक नहीं है।

न चंग की थाप, न ही होली के गीत सुनाई दिए

हर बार होली-धुलंडी पर मंदिर परिसर में अबीर-गुलाल उड़ती है। चंग की थाप व होली के भजनों पर भक्त नाचते नजर आते हैं। इस बार ऐसा दृश्य नदारद था। गुरुवार को मंदिर परिसर भक्तों से खाली नजर आया। भीड़ थी तो सेवादार और पुलिस वालों की। बार-बार अनाउंस किया जा रहा था कि भक्त रुके नहीं, आगे बढ़ते रहे।

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