भूटान के राजा भी अंत्येष्टी में हुए शामिल
इस दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भूटान के राजा जिग्मे खेसर नाम्ग्याल वॉन्गचुक, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, विपक्ष के नेता राहुल गांधी, सोनिया गांधी, राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, मल्लिकार्जुन खरगे सहित कई नेताओं ने निगम बोध घाट पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पुष्पांजलि अर्पित की। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पुष्पांजलि अर्पित करते समय द्रौपदी मुर्मू कुछ देर तक मौन खड़ी रहीं। कम से कम दो मिनट तक प्रेसिडेंट ने सैल्यूट करके मनमोहन सिंह को आखिरी विदाई दी। वहां पर मौजूद पीएम मोदी ने भी आंख बंद करके विदाई दी। राहुल गांधी ने भी नम आंखों से आखिरी विदाई दी। वहीं सेना के जवानों ने राजकीय सम्मान के साथ विदाई दी।
स्माकर विवाद पर गहलोत ने साधा निशाना
इधर, पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के स्मारक के लिए जगह आवंटित को लेकर राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्थान के भैरों सिंह शेखावत, जो उपराष्ट्रपति थे, वे भाजपा से थे, भाजपा मांग नहीं कर रही थी, फिर भी हमने अंतिम संस्कार किया, प्रतिमा बनाई, लोग उस फैसले की सराहना करते हैं…दुनिया में मनमोहन सिंह का एक अलग ही जलवा था. अगर मौजूदा सरकार खुद इसके लिए आगे आती, तो विवाद नहीं होता, भाजपा ने विवाद खड़ा किया और कांग्रेस पर आरोप लगा रही है। स्मारक के लिए जगह आवंटित करने के मुद्दे पर अशोक गहलोत ने कहा कि केंद्र सरकार को आगे आकर घोषणा करनी चाहिए थी कि उनके लिए एक स्मारक बनाया जाएगा, ठीक वैसे ही जैसे अटल बिहारी वाजपेयी ने किया था। उन्होंने कहा कि मनमोहन सिंह भारत के 10 साल तक प्रधानमंत्री रहे हैं। कांग्रेस सरकार ने 2012 में महाराष्ट्र में श्री बाल ठाकरे के निधन के बाद मुंबई के शिवाजी पार्क में विशेष स्थान आवंटित कर अंतिम संस्कार करवाया था।
कहा कि कांग्रेस ने हमेशा सभी पार्टियों के नेताओं को सम्मानजनक विदाई दी परन्तु भाजपा द्वारा डॉ मनमोहन सिंह जी के साथ ऐसा व्यवहार दुर्भाग्यपूर्ण है। आज उनके निधन पर पूरा देश शोक में है एवं देश के लोगों ने सरकार के इस कदम पर नाराजगी जताई तब जनभावना के दबाव में भाजपा सरकार भविष्य में स्मारक बनाने की घोषणा कर रही है।