राजस्थान में करीब 8,400 प्राथमिक कृषि ऋण समितियां
राजस्थान में करीब 8 हजार 400 प्राथमिक कृषि ऋण समितियां हैं। राजस्थान में ऐसी सेवाएं शुरू कराने के लिए अधिकारी तैयारी में जुटे हैं। अभी राज्य में चुनिंदा समितियां ही अधिकृत कार्यों में से कुछ ही कार्य कर रही हैं। सहकारिता मंत्रालय, इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक और सीएससी ई-गवर्नेंस सर्विसेज इंडिया लिमिटेड के बीच एमओयू हो चुका है।
राष्ट्रीय सहकारी डेटाबेस का कार्य पूरा – अमित शाह
केन्द्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने हाल ही दिल्ली में सहकारिता मंत्रालय की संसदीय परामर्शदात्री समिति की पहली बैठक ली। उन्होंने कहा राष्ट्रीय सहकारी डेटाबेस विकसित करने का काम लगभग पूरा हो चुका है।
इस तरह की सेवाएं शामिल
प्राथमिक कृषि ऋण समितियां ग्रामीण नागरिकों को बैंकिंग, बीमा, आधार नामांकन और अद्यतन, कृषि सेवाएं, पैन कार्ड, जीवन प्रमाण पत्र, पासपोर्ट, पानी-बिजली का बिल भुगतान, आइटीआर फाइलिंग, ई-स्टाप, फास्टटैग, किसान ई-मार्ट, प्रधानमंत्री फसल बीमा, प्रधानमंत्री किसान समान निधि, ई-श्रम पंजीकरण, सार्वजनिक वितरण प्रणाली से जुड़ी सेवाएं उपलब्ध कराएंगी। केन्द्र सरकार ने समितियों को पेट्रोल, डीजल का खुदरा आउटलेट आवंटित करने और एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटरशिप के संचालन की अनुमति दे दी है। इस तरह करीब 300 तरह की सेवाओं के समितियों को अधिकृत किया है।