इस राशि से कोटा, बूंदी और टोंक जिलों में आरआरआर (रिपेयर, रिनोवेशन और रेस्टोरेशन) योजना के तहत चल रहे 84 कार्यों को गति मिलेगी। राज्य सरकार द्वारा इसमें 40% हिस्सा यानी लगभग 11 करोड़ रुपए और जोड़ने के बाद कुल 27.50 करोड़ की लागत से यह कार्य तेजी से पूरे होंगे। अब तक इस परियोजना की 65% भौतिक प्रगति हो चुकी है।
जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत ने बताया कि 11 सितम्बर 2023 को स्वीकृत इन कार्यों के पूर्ण होने पर करीब 4,404 हेक्टेयर भूमि दोबारा सिंचित क्षेत्र में तब्दील हो जाएगी, जिससे 2.16 लाख से अधिक किसानों को सीधा लाभ मिलेगा। परियोजना की कुल लागत 142.92 करोड़ रुपए निर्धारित की गई है, जिसमें 60:40 के अनुपात में केंद्र व राज्य का अंशदान शामिल है।
उन्होंने बताया कि इस योजना से प्रदेश में चल रहे ‘वंदेगंगा’ जल संरक्षण-जन अभियान को भी नई ऊर्जा मिलेगी। इस अभियान के तहत जल संरचनाओं का लोकार्पण, शिलान्यास व जनजागरूकता कार्यक्रम लगातार किए जा रहे हैं।
जल संसाधन मंत्री ने स्पष्ट कहा कि “हर खेत तक पानी पहुंचाना हमारी प्राथमिकता है। यह योजना किसानों की आय बढ़ाने, उनकी जीवनशैली सुधारने और कृषि क्षेत्र के विकास में मील का पत्थर साबित होगी।