जयपुर शहर में तीन कारोबारियों के ठिकानों पर चल रही आयकर विभाग की कार्रवाई सोमवार देर रात को पूरी हुई। चार दिन चली कार्रवाई में आयकर विभाग ने कुल 24 लॉकरों में से 9 लॉकर ऑपरेट किए, जिनमें 17 करोड़ रुपए की ज्वैलरी, 10 करोड़ नकद और 25 लाख रुपए की विदेशी करेंसी मिली।
यह कार्रवाई आशादीप बिल्डर, प्रेम कार्गो और पर्शियन कार्पेट से जुड़े ठिकानों पर की गई, जिसमें बड़े पैमाने पर नकदी के उपयोग के सबूत सामने आए हैं। इसके अलावा बाकी बचे लॉकरों को खोलने के लिए वारंट जारी किए गए हैं। आयकर विभाग ने मंगलवार को बताया कि अभी तक कार्रवाई में 4.72 करोड़ रुपए की नकदी और 6.52 करोड़ रुपए की ज्वैलरी जब्त की गई है।
विभाग ने की डेटा की क्लोनिंग
विभाग ने डेटा की क्लोनिंग कर 10 करोड़ रुपए के कैश लेन-देन के दस्तावेज हासिल किए, जिसमें बिल्डर ने स्वीकारा कि जमीन खरीद के इकरारनामे में अघोषित 14 करोड़ रुपए का लेन-देन किया है। आयकर विभाग की कार्रवाई पर्शियन कार्पेट ग्रुप के शब्बीर खान, आशादीप बिल्डर ग्रुप के अनिल गुप्ता और प्रेम कार्गो लॉजिस्टिक्स के अशोक जैन के ठिकानों पर की गई थी। ये तीनों कंपनियां आपस में जुड़ी हुई हैं।
रियल एस्टेट में खप रहा कालाधन
विभाग की जांच में खुलासा हुआ कि आशादीप ग्रुप की ओर से हर डील में करीब 30% नकदी का इस्तेमाल किया जाता था। एक प्रमुख कर्मचारी नकदी के लेनदेन की पूरी डिटेल रखता था। ग्रुप की 24 रियल एस्टेट परियोजनाओं से कुल प्राप्तियों को दर्शाने वाले दस्तावेजों में 36 करोड़ रुपए की बेहिसाब नकदी के सबूत मिले हैं। इतना ही नहीं समूह के कर्मचारियों ने स्वीकार किया कि प्रॉपर्टी खरीद में ग्रुप 30 प्रतिशत तक नकदी स्वीकार कर रहा था। विभाग ने कई डिजिटल दस्तावेज और पेन ड्राइव भी जब्त किए हैं, जिनमें हवाला नेटवर्क और काले धन की जानकारी दर्ज होने की संभावना है।
दुबई में खरीदी प्रॉपर्टी
कार्पेट व्यवसाय से जुड़े कारोबारी शब्बीर खान ने वर्ष 2014 में दुबई में एक बड़ी प्रॉपर्टी खरीदी थी, लेकिन इसका खुलासा विदेशी संपत्ति अनुसूची में नहीं किया। विभाग अब इस प्रॉपर्टी की मौजूदा कीमत की जानकारी जुटा रहा है। वहीं प्रेम कार्गो के संचालक ने खाता पुस्तकों में 221 मालवाहक वाहनों की डिटेल दी है, जबकि कंपनी के पास 260 से ज्यादा वाहन हैं। कंपनी ने अघोषित वाहनों से टर्नओवर को छिपाया है।