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‘जयपुर की ज्यौणार’: जयपुर में 50 हजार लोगों ने दाल, बाटी और चूरमे का उठाया लुत्फ, 500 हलवाइयों ने तैयार किया भोजन, जानें खास बातें

जयपुर की सांस्कृतिक विरासत के तहत लगभग 110 साल बाद 50 हजार लोगों ने एक साथ देसी घी की दाल-बाटी चूरमा और पारंपरिक व्यंजनों का आनंद लेकर ‘जयपुर की ज्यौणार’ को यादगार बना दिया।

जयपुरJul 13, 2025 / 08:13 pm

Kamlesh Sharma

jaipur jyonar

फोटो पत्रिका

जयपुर। बारिश की हल्की फुंहारों के बीच दाल, बाटी, चूरमे की महक से आसपास का परिसर, देसी खाने का स्वाद चखने के लिए कतारबद्ध होकर खड़े शहरवासी। रविवार को एक अनोखे आयोजन के साथ एक बार फिर से रियासतकालीन परम्परा में यही नजारा देखने लायक रहा। खासतौर पर यह दिन पुरानी परंपराओं की मिठास और सामाजिक एकता की सौंधी खुशबू से सराबोर हो गया। जयपुर की सांस्कृतिक विरासत के तहत लगभग 110 साल बाद 50 हजार लोगों ने एक साथ देसी घी की दाल-बाटी चूरमा और पारंपरिक व्यंजनों का आनंद लेकर ‘जयपुर की ज्यौणार’ को यादगार बना दिया। ज्योणार में एंट्री कूपन के जरिए दी गई। कूपन पर आधारित लक्की ड्रॉ में 24 इंच एलईडी टीवी, फ्रिज, कूलर, मिक्सर और 10 चांदी के सिक्के इनाम के रूप में दिए जा रहे हैं।
जयपुर हैरिटेज निगम की मेयर कुसुम यादव की अगुवाई में ‘जयपुर की ज्यौणार’ कार्यक्रम सांगानेरी गेट स्थित अग्रवाल कॉलेज सभागार में आयोजित हुआ। 11 घंटे तक चले इस कार्यक्रम में 50 हजार से ज्यादा लोगों ने दाल, बाटी और चूरमे का लुत्फ उठाया। इस दौरान कई मंत्री, जनप्रतिनिधि, सामाजिक और व्यापारिक संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए। हेरिटेज नगर निगम महापौर कुसुम यादव के साथ आयोजन समिति के प्रतिनिधि रमेश नारनौली, मातादीन सोनी, कैलाश मित्तल, अजय यादव, नारायणलाल मुंगेवाला, हरीश अग्रवाल सहित अन्य ने शहरवासियों का स्वागत किया।
Jyonar event in Jaipur

यह रहा खास

इस दौरान यहां लोक गीत- संगीत के साथ जयपुर की गौरवशाली विरासत की झांकी भी प्रस्तुत की गई। भोजन करने के लिए चौकड़ी स्थापत्य कला के अनुसार बैठने की व्यवस्था तैयार की गई। कुसुम यादव ने बताया कि ज्यौणार का उद्देश्य केवल भोजन ही नहीं है। इसके माध्यम से हमने सांझी विरासत की झांकी सजाने का प्रयास किया। पूर्व में जब राजा-महाराजा कोई युद्ध जीतकर लौटते थे या कोई विशेष अवसर होता था तब पूरे नगरवासियों के लिए सामूहिक भोजन (ज्यौणार) का आयोजन होता था। हर वर्ग, धर्म, समाज के लोगों ने एक साथ बैठकर भोजन किया। रमेश नारनौली ने कहा कि अगली बार एक लाख लोगों के लिए व्यवस्था की जाएगी।
Jyonar event in Jaipur

इतनी लगी सामग्री

जयपुर की ज्योणार की राजा-महाराजाओं के समय की परंपरा ‘ज्यौणार’ को 110 साल बाद एक बार फिर से जीवंत किया गया हैं। तीन विशाल वाटरप्रूफ डोम, एक बार में चार हजार लोगों ने एकसाथ प्रसादी जिमी। संयोजक कैलाश मित्तल ने बताया कि तीन दिन से लगातार 500 हलवाइयों भोजन तैयार किया है। पारंपरिक भोजन के लिए 12 हजार 500 किलो आटा-बेसन, 1500 किलो दाल, 1200 किलो मावा, 160 पीपे देसी गाय का घी और अन्य मसाले इस्तेमाल किए।
Jyonar event in Jaipur

250 साल पुरानी परंपरा को फिर से जिंदा करने की कोशिश

यह परंपरा राजा-महाराजाओं के जमाने की है, जब लोगों के लिए बड़े स्तर पर भोज आयोजित होते थे। अब व्यापारी और समाज मिलकर इसे फिर से जीवंत कर रहे हैं। शाम चार बजे तक 50 हजार से अधिक लोगों को ज्योणार में खाना लिखाने का दावा आयोजन समिति की ओर से किया गया। हालांकि, शाम होने के बाद लोगों का आना फिर से शुरू हो गया। कार्यक्रम स्थल के बाहर एक किमी तक की कतार लग गई।
Jyonar event in Jaipur

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