हार की सबसे बड़ी वजह
इंग्लैंड ने अपनी पहली पारी में जो रूट के शतक की बदौलत 387 रन बनाए। टीम ने 271 पर अपने 6 विकेट गंवा दिए थे और अगले 4 विकेट लेने के लिए टीम इंडिया के गेंदबाजों ने 100 रन से ज्यादा खर्च कर दिए। दूसरी ओर भारतीय टीम ने भी पहली पारी में 387 रन बनाए लेकिन कहानी अलग है। भारतीय टीम बेहतर स्थिति में थी। 370 रन तक टीम इंडिया के सिर्फ 6 विकेट गिरे थे। इसके बाद 17 रन के भीतर उन्होंने 4 विकेट गंवा दिए। पहली पारी में अगर भारतीय टीम 20-30 रन की भी बढ़त हासिल कर लेती तो इस मैच का नतीजा भारत के पक्ष में होता और टीम इंडिया सीरीज में 2-1 की बढ़त के साथ चौथे मुकाबले में उतरती। लेकिन टीम इंडिया के बल्लेबाजों ने ऐसा नहीं किया। ऐसा लगा कि 387 के स्कोर तक पहुंचने के बाद निचले क्रम के बल्लेबाजों में जल्दीबाजी देखने को मिली। 376 पर भारत ने 7वां, 385 पर 8वां, 387 पर 9वां और 10वां विकेट गंवाया।
जायसवाल ने फिर की गलती
पहली पारी में 13 रन बनाकर जोफ्रा आर्चर का शिकार होने वाले जायसवाल के पास दूसरी पारी में अपनी नाकामयाबी को पीछे छोड़ने का मौका था। लेकिन दूसरी पारी में तो वह पहले से भी खराब शॉट खेल अपना विकेट गंवा कर चले गए। 193 रन का लक्ष्य, विकेट से गेंदबाजों को मदद और चौथी पारी में बल्लेबाजी करने के बावजूद अगर टीम का सलामी बल्लेबाज ऐसा शॉट खेल रहा है, तो यह वाकई गैरजिम्मेदारी है। अगर जायसावल थोड़ी देर टिक जाते तो शायद भारत पहले दिन 4 विकेट नहीं गंवाता और मैच का नतीजा बदल जाता।