जानिए पिछले दस दिन में क्या-क्या हुआ?
• 23 दिसम्बर: कोटपूतली के निकट किरतरपुर गांव में बोरवेल में चेतना गिर गई।
• 24 दिसम्बर: चेतना को हुक से निकालने का प्रयास, हुक से खींचा, लेकिन प्रयास सफल नहीं
• 25 दिसम्बर: रेट माइनर्स की टीम को बुलाया। इस टीम ने उत्तराखंड टनल हादसे में किया था काम।
• 26 दिसम्बर: कलक्टर ने 170 फीट का गड्डा खोदा। कैमरे से देखा।
• 27 दिसम्बर: तेज बारिश के चलते रेस्क्यू कार्य में बाधा। काम भी रोका।
• 28 दिसम्बर: जवान पाइप से उतरे। सुरंग बनाई।
• 29 दिसम्बर: माइंस एक्सपर्ट बुलाए। पत्थर तोडऩे के लिए एयर कंप्रेसर मशीन भी मंगाई।
• 30 दिसम्बर: लेजर अलाइमेंट डिवाइस से सुरंग के एंगल को देखा।
• 31 दिसम्बर: सुरंग की खुदाई की दिशा गलत होने की जानकारी मिली।
• 1 जनवरी: चेतना को निकालने के भरसक प्रयास जारी हैं।
हर घटना के लिए प्रशासन अलर्ट
बुधवार सुबह करीब 11.30 बजे रेस्क्यू टीम के जवानों ने बोरवेल के आसपास फिनायल और कपूर डाला। इसके साथ ही राजकीय बीडीएम जिला अस्पताल में हलचल बढ़ गई। मौके पर पुलिस जाप्ता भी तैनात किया गया है।चेतना 23 दिसंबर को दोपहर दो बजे खेलते समय अचानक बोरवेल में गिर गई थी। हालांकि, कई कारणों से रेस्क्यू में बाधा आई और जिसके कारण रेस्क्यू में देरी हुई। कलक्टर की मानें तो ये इस साल प्रदेश के सबसे बड़ा रेस्क्यू है।