जयपुर के पहले सरकारी कॉलेज में भी पिछले सत्र से एमबीए, बीबीए और बीसीए पाठ्यक्रम शुरू किए गए। इन कोर्स को संचालित करने के लिए कॉलेज ने अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीई) ने संबद्धता मांगी तो एआइसीटीई ने एमबीए कोर्स के संचालन रोक लगा दी।
दरअसल, कॉलेज स्कूल भवन में संचालित किया जा रहा है, जहां तीन हजार छात्र सिर्फ नौ कमरों में पढ़ाई कर रहे हैं। कॉलेज में न लैब है और न ही लाइब्रेरी। ऐसे में सुविधाओं का अभाव बताकर एआइसीटीई ने संबद्धता देने से मना कर दिया। अब नए सत्र से एमबीए में प्रवेश नहीं लिए जाएंगे। सरकार ने एमबीए, बीबीए और बीसीए पाठ्यक्रम में 40-40 सीट स्वीकृत की थीं।
100 करोड़ दिए फिर भी खुद का भवन नहीं
जयपुर कॉलेज को वर्ष 2013 में शुरू किया गया। यहां जेएलएन मार्ग स्थित राजा रामदेव पोद्दार राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल में कॉलेज के लिए 27,876 वर्गमीटर भूमि आवंटित की गई। भवन निर्माण के लिए गत भाजपा सरकार ने ही 100 करोड़ रुपए स्वीकृत किए। इतना ही नहीं, 38 करोड़ रुपए जारी भी कर दिए। इसमें कॉलेज भवन की नींव, बेसमेंट के लिए 9.50 करोड़ रुपए खर्च किए गए। इसके बाद फरवरी 2022 में 350 करोड़ का नया प्रोजक्ट कांग्रेस सरकार लेकर आई। इसे महात्मा गांधी सेंटर फॉर एक्सीलेंस नाम दिया। इसमें 100 करोड़ रुपए जयपुर कॉलेज के भवन के लिए देने का भी प्रावधान था।
बनकर तैयार सेंटर फॉर एक्सीलेंस पर कॉलेज शिफ्ट नहीं
महात्मा गांधी सेंटर फॉर एक्सीलेंस 400 करोड़ की लागत से बनकर तैयार है। सरकार की ओर से इस नए भवन को शुरू नहीं किया जा रहा। इससे जयपुर कॉलेज भी नए भवन में शिफ्ट नहीं हो पा रहा है। इसका खमियाजा छात्रों को उठाना पड़ रहा है।
इन कॉलेजों के पास खुद का भवन
राजकीय महाविद्यालय कंवर नगर ब्रह्मपुरी राजकीय महाविद्यालय गंगा पोल राजकीय महाविद्यालय सांगानेर राजकीय महाविद्यालय विद्याधर नगर राजकीय महाविद्यालय जामडोली राजकीय महाविद्यालय बस्सी राजकीय महाविद्यालय निवाई राजकीय महाविद्यालय कोटखावदा मैंने उच्च शिक्षा मंत्री रहते हुए कॉलेज को भूमि आवंटित की थी। 100 करोड़ भी स्वीकृत कराए। लेकिन आज तक कॉलेज नए भवन में शिफ्ट नहीं हो पाया। अधिकारियों से कई बार बात कर चुका। कॉलेज नए भवन में शिफ्ट नहीं होगा तो एमबीए की पढ़ाई रुक जाएगी। – कालीचरण सराफ, विधायक और पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री