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जयपुर

Rajasthan: 84 साल की मां ने 50 साल की बेटी को दिया दोबारा जन्म, जिंदगीभर का अनमोल तोहफा देकर बन गई सबसे उम्रदराज डोनर

Mother Gave Kidney To Daughter: 84 वर्षीय बुधो देवी अब इस सूची में सबसे वरिष्ठ जीवित डोनर बन गई हैं। इससे पहले 79 वर्षीय एक महिला ने अपने पोते को किडनी देकर यह मिसाल कायम की थी।

जयपुरMay 29, 2025 / 09:33 am

Akshita Deora

ऑपरेशन के बाद गुड्डी देवी और उनकी मां (फोटो: पत्रिका)

Kidney Transplant: एक मां की ममता ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि वह हर कसौटी पर खरा उतरती है, चाहे उम्र कुछ भी हो। वह सिर्फ जन्म नहीं देती, बल्कि जरूरत पड़ने पर अपनी जिंदगी भी सौंप सकती है। भरतपुर की 84 वर्षीय बुधो देवी ने अपनी 50 वर्षीय बेटी गुड्डी देवी को किडनी दान कर एक नई जिंदगी दी है। एसएमएस सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक में यह ट्रांसप्लांट सफलतापूर्वक किया गया और इसके साथ ही बुधो देवी जयपुर की सबसे उम्रदराज जीवित किडनी डोनर बन गई हैं।

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एसएमएस सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के अधीक्षक डॉ. विनय मल्होत्रा और मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. दीपक माहेश्वरी ने इस ऐतिहासिक सर्जरी को अंजाम देने वाली पूरी टीम की सराहना की है।

उम्र सिर्फ एक संख्या है

डॉ. नीरज अग्रवाल ने बताया कि इस उम्र में किडनी डोनेट करना बेहद दुर्लभ है, लेकिन बुधो देवी की शारीरिक फिटनेस, मानसिक मजबूती और ममता ने यह असंभव कार्य संभव कर दिखाया। यूरोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. शिवम प्रियदर्शी के अनुसार, यह मामला उन सभी परिवारों के लिए आशा की किरण है, जो उम्र को अंगदान में बाधा मानते हैं।

अब तक 793 किडनी ट्रांसप्लांट

एसएमएस मेडिकल कॉलेज में अब तक कुल 793 किडनी ट्रांसप्लांट किए जा चुके हैं, जिनमें 704 जीवित और 91 मरणोपरांत डोनर शामिल हैं। 84 वर्षीय बुधो देवी अब इस सूची में सबसे वरिष्ठ जीवित डोनर बन गई हैं। इससे पहले 79 वर्षीय एक महिला ने अपने पोते को किडनी देकर यह मिसाल कायम की थी।
अस्पताल के नेफ्रोलॉजी विभाग के अध्यक्ष सीनियर प्रोफेसर डॉ. धनंजय अग्रवाल ने बताया गुड्डी देवी क्रॉनिक किडनी डिजीज से पीड़ित थीं और उनका जीवन डायलिसिस पर निर्भर हो गया था। जब परिवार को डोनर की जरूरत बताई, तो किसी को भी यह उम्मीद नहीं थी कि मां खुद आगे आएंगी। लेकिन बुधो देवी ने दृढ़ता से कहा, ’’अगर मेरी जान से उसकी जान बच सकती है, तो मैं तैयार हूं।’’

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काउंसलिंग और मेडिकल जांच के बाद जब वे पूरी तरह फिट पाई गईं, तो यूरोलॉजी विभाग के डॉ. नीरज अग्रवाल और उनकी टीम ने जटिल सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। ऑपरेशन के बाद बुजुर्ग मां को आइसीयू में रखा गया और अब उन्हें छुट्टी दे दी गई है। वहीं, गुड्डी देवी की हालत में निरंतर सुधार हो रहा है।

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