जयपुर. प्रदेश में कई लोग सस्ती बिजली के लिए सोलर पैनल लगाना तो चाह रहे हैं, लेकिन उनके फ्लैट, ऑफिस, शोरूम में जगह के अभाव में लगाना संभव नहीं है। अब ऐसे उपभोक्ता अपनी दूसरी जमीन या घर की छत पर सोलर पैनल लगाकर उससे मिलने वाली बिजली का उपयोग अपने ऑफिस, शोरूम या फ्लैट में कर सकेंगे। पिछले दिनों राज्य में लागू हुई नई क्लीन एनर्जी पॉलिसी में इसके लिए प्रावधान किया गया है। लोग लम्बे समय इसकी जरूरत जता रहे थे। अक्षय ऊर्जा निगम और डिस्कॉम्स ने इसके लिए प्लान तैयार किया है, जिससे लोगों को इसकी जानकारी दी जा सके। दिल्ली व अन्य कुछ राज्य इसमें नजीर बन रहे हैं।
वर्चुअल नेट मीटरिंग से होगा काम -इसके लिए वर्चुअल बिजली सप्लाई कंसेप्ट लाया गया है। इस कंसेप्ट को इस उदाहरण से समझा जा सकता है। दिलीप नाम का व्यक्ति जयपुर के बापू नगर स्थित मल्टीस्टोरी में रह रहा है। वह सोलर पैनल लगाना चाहता है, लेकिन बिल्डिंग की कॉमन छत पर इसकी अनुमति नहीं है। ऐसे में सस्ती बिजली उत्पादन नहीं कर पा रहा। मजबूरन उसे डिस्कॉम की महंगी बिजली का उपभोग करना पड़ रहा है।
-यदि दिलीप के पास अन्य स्थान पर जमीन है। दिलीप उस जमीन पर सोलर पैनल लगाकर वहां उत्पादित सस्ती बिजली का उपयोग अपने बापू नगर स्थित फ्लैट में कर पाएंगे। इस बिजली का उपयोग अपनी दुकान या शोरूम में भी कर सकेंगे। यही प्रक्रिया वर्चुअल नेट मीटरिंग कंसेप्ट है।
-सोलर पैनल से मिलने वाली बिजली पहले डिस्कॉम के ग्रिड में जाएगी। जितनी बिजली ग्रिड में जाएगी उतनी ही बिजली उपयोग की जा सकेगी। रूफटॉप को बढ़ावा देना मकसद -बिजली के बिल में कमी लाना
-खाली जगह का ज्यादा से ज्यादा उपयोग -सौर ऊर्जा उत्पादन में जन सहभागिता को बढ़ावा देना -प्रदूषण में कमी लाना -कार्बन उत्सर्जन कम करना रूफटाॅप में पहले पायदान पर आना है, इसलिए भी जरूरी
1. गुजरात- 4822 मेगावाट 2. महाराष्ट्र- 2847 मेगावाट 3. राजस्थान- 1414 मेगावाट (देश में रूफटॉप स्थापित क्षमता में गुजरात पहले और राजस्थान तीसरे नम्बर पर है)