बिजली छीजत और चोरी पर लगेगा लगाम
राज्य सरकार ऊर्जा क्षेत्र को सशक्त और आधुनिक बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। आरडीएसएस, स्मार्ट मीटरिंग और पीएम-कुसुम जैसी योजनाओं की गति बढ़ाई जाएगी। बिजली छीजत रोकने, फीडर पृथक्कीकरण और बिजली चोरी पर प्रभावी अंकुश के लिए सतर्कता अभियान चलाया जाए।ऊर्जा मंत्री ने बताया कि प्रदेश की भविष्य की ऊर्जा जरूरतों को देखते हुए विभिन्न केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों के साथ समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए हैं, जिन्हें शीघ्र क्रियान्वित किया जाएगा। उन्होंने ग्रिड सब स्टेशनों (जीएसएस) के निर्माण कार्यों की प्रगति की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देशित किया कि भूमि चयन समेत सभी प्रक्रियाएं जल्द पूरी कर कार्यों को गति दी जाए।बैठक में ऊर्जा विकास निगम के प्रबंध निदेशक ओम कसेरा ने बताया कि वर्तमान में राज्य में पावर सप्लाई व्यवस्था सामान्य है। मई-जून की संभावित हीटवेव को ध्यान में रखते हुए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं पहले से ही कर ली गई हैं और विद्युत की कोई कटौती नहीं की जा रही है।
133 स्टेशनों पर कार्य प्रगति पर
प्रसारण निगम के प्रबंध निदेशक नथमल डिडेल ने बताया कि पिछले डेढ़ साल में 400 केवी, 220 केवी और 132 केवी के कुल 30 ग्रिड सब स्टेशन स्थापित किए गए हैं और 133 स्टेशनों पर कार्य प्रगति पर है। इन सभी कार्यों को मिशन मोड में पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं।उत्पादन निगम के सीएमडी देवेन्द्र श्रृंगी ने बताया कि एनटीपीसी, कोल इंडिया और एनएलसी जैसे उपक्रमों के साथ संयुक्त परियोजनाएं विकसित की जा रही हैं। विशेष रूप से एनटीपीसी के साथ गठित राजस्थान ग्रीन एनर्जी लिमिटेड कंपनी के माध्यम से 25 गीगावाट अक्षय ऊर्जा उत्पादन की योजना बनाई गई है, जिसमें 1 लाख करोड़ रुपए का निवेश प्रस्तावित है।बैठक में जोधपुर और अजमेर डिस्कॉम के प्रबंध निदेशक भी वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से शामिल हुए।