सभी स्केल के लिए अलग-अलग पद निर्धारित है, लेकिन राजनीतिक दखल के चलते पदस्थापन में इसका ध्यान नहीं रखा जा रहा है। इस विसंगति को ठीक व पदनाम परिवर्तन को लेकर आरपीएस एसोसिएशन की ओर से कई बार सरकार को अवगत करवाया गया। लेकिन मामला बैठकों तक ही सीमित रहा। गृह विभाग की ओर से गठित पुलिस अधिकारियों की समिति ने इस पर विचार करने के बाद दो वर्ष पहले सिफारिश की थी, लेकिन यह मामला अभी तक कागज से बाहर नहीं आ पाया है।
कई प्रदेशों में इस तरह की व्यवस्था है। राजस्थान में भी वरिष्ठता के आधार पर पदनाम तय किया जा सकता है। इसमें कोई कानूनी की अड़चन भी नहीं है। इससे वरिष्ठ आरपीएस अधिकारियों का मनोबल बढ़ेगा।
- कपिल गर्ग, पूर्व पुलिस महानिदेशक
यह सुझाया गया समाधान
इसलिए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षकों को श्रृंखलाओं के अनुरूप वर्गीकृत कर पदनाम देने का सुझाव आरपीएस एसोसिएशन की ओर से सरकार को दिया गया था। सुपर टाइम एवं हायर सुपर टाइम स्केल के अधिकारियों के पदनाम परिवर्तित कर पुलिस अधीक्षक और वर्तमान में पदस्थापित पुलिस अधीक्षकों का पद नाम वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक करने का सुझाव दिया गया था। इस प्रकिया में राज्य सरकार पर कोई वित्तीय भर भी नहीं आएगा।
इन जिलों में वरिष्ठ पद पर जूनियर अधिकारी
सूत्रों के अनुसार वर्तमान में अजमेर, भरतपुर, करौली, धौलपुर, भिवाड़ी, राजसमंद, सीकर, झुंझुनूं, बीकानेर, हनुमानगढ़ आदि में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मुख्यालय के रूप में तैनात अधिकारी राजस्थान पुलिस सेवा की सीनियर स्केल या सलेक्शन स्केल के अधिकारी हैं, जबकि यह पद सुपर टाइम स्केल के लिए अधिसूचित है। सरकार की ओर से इन पदों पर वरिष्ठ अधिकारी लगाने का प्रावधान है।