जिला कलेक्टर स्वयं कर रहे निगरानी
जिला कलेक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी स्वयं शिविरों की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। बुधवार को जिला कलेक्ट्रेट में आयोजित समीक्षा बैठक में उन्होंने उपखण्डवार एवं विभागवार कार्यों की प्रगति का जायजा लिया और आगामी शिविरों की रणनीति को लेकर अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने आमजन की समस्याओं के समाधान में किसी भी तरह की लापरवाही न बरतने के निर्देश भी दिए।
16 उपखंड, 19 पंचायत समितियों में हो रहा शिविर आयोजन
जयपुर जिले की सभी 16 उपखंडों में 19 पंचायत समितियों के अंतर्गत 461 ग्राम पंचायतों में सुबह 9:30 से शाम 5:30 बजे तक शिविर लगाए जा रहे हैं। 7 जुलाई तक ग्राम पंचायत स्तर पर तथा 8-9 जुलाई को तहसील स्तर पर फॉलोअप शिविर आयोजित होंगे। प्रत्येक शिविर में हेल्प-डेस्क स्थापित की गई है जहां ग्राम विकास अधिकारी या ग्राम रोजगार सहायक आगंतुकों का रिकॉर्ड संधारित कर रहे हैं।
इन विभागों की प्रमुख सेवाएं मिल रही हैं
अतिरिक्त जिला कलेक्टर विनीता सिंह ने बताया कि इन शिविरों में पीएम सूर्य घर योजना, शमशान भूमि आवंटन, जनसुनवाई, हरियालो राजस्थान, वंदे गंगा अभियान, पर्यावरण संरक्षण, अनुपयोगी भवनों का उपयोग, ओपन जिम की स्वीकृति आदि सेवाएं दी जा रही हैं।
शिविरों में नियुक्त किए गए नोडल अधिकारी
जिला प्रशासन ने शिविरों के सुचारु संचालन के लिए प्रशासनिक, तकनीकी और उपखण्डवार नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की है ताकि प्रत्येक कार्य की निगरानी और समयबद्ध क्रियान्वयन सुनिश्चित हो सके।
शिविरों की लोकेशन तय
गुरुवार और शुक्रवार को आमेर, बस्सी, सांगानेर, माधोराजपुरा, जयपुर, जोबनेर, दूदू, मौजमाबाद, रामपुरा, जमवारामगढ़, सांभरलेक, चाकसू, फागी, चौमूं, शाहपुरा और किशनगढ़ जैसे क्षेत्रों की सैकड़ों ग्राम पंचायतों में शिविर आयोजित किए जाएंगे। इनमें देव का हरवाड़ा, सिरोही, लखेर, झाझड़ा, गागरडू, बोराज, रामपुरा डाबड़ी, डांगरवाड़ा, खंडेल, टूमली का बास, चौरू, हाथनोदा, करीरी, रेनवाल भादवा सहित अनेक पंचायतें शामिल हैं। ग्रामीण जनता को समय पर सेवाएं मिल रही
राज्य सरकार द्वारा आयोजित यह पखवाड़ा ग्रामीण विकास, सामाजिक सुरक्षा, जनकल्याण और प्रशासनिक पारदर्शिता की दिशा में एक प्रभावी कदम है, जिससे न केवल ग्रामीण जनता को समय पर सेवाएं मिल रही हैं, बल्कि शासन-प्रशासन का सीधा जुड़ाव भी मजबूत हो रहा है।