कस्बे के लोगों ने संभाली जिम्मेदारी
मूलत: कोटा निवासी वृद्ध दंपती लगभग 35 साल से किशनगढ़-रेनवाल में रह रहे थे। वहीं उनके दो बेटे कोटा में रह रहे हैं। मां की मौत की खबर के बाद भी दोनों में से एक भी बेटा उनके अंतिम संस्कार में नहीं पहुंचा। गुरुवार तड़के करीब 5 बजे 70 वर्षीय वृद्धा रामकली पत्नी घनश्याम शर्मा की लंबी बीमारी के बाद मौत हो गई। बेटों के नहीं आने की सूचना पर आसपास के लोग एकत्र हो गए और अंतिम संस्कार की जिमेदारी संभाली। पड़ोसी ने निभाया बेटे का फर्ज
कस्बे के लोगों ने बताया कि मृतका का पति भी बीमार रहता है। उसके पास अंतिम संस्कार के लिए रुपए नहीं थे तो समाज के लोगों ने राशि एकत्र की। बुजुर्ग महिला के अंतिम संस्कार में कस्बे के लोगों ने ही अहम भूमिका निभाई। पड़ोस में रहने वाले सतीश शर्मा ने मृतका की अर्थी को कंधा दिया और बेटे का फर्ज निभाया। साथ ही श्मशान में अंतिम संस्कार की रस्म भी निभाई। अब सतीश ही अस्थि विसर्जन के लिए जाएगा।