बता दें कि केंद्र सरकार की स्मार्ट सिटी योजना के तहत राजस्थान के बूंदी, नाथद्वारा, खाटूश्यामजी, माउंटआबू, भीलवाड़ा, बालोतरा, भरतपुर, बीकानेर, सवाई माधोपुर, अलवर,
जोधपुर, जैसलमेर, मंडावा, किशनगढ़, भिवाड़ी और पुष्कर के शहरी क्षेत्रों शामिल किया गया है। अब तीन साल के अंदर ही इन शहरों की सूरत बदली-बदली नजर आएगी।
ग्रीन बजट के कंसेप्ट पर होगा काम
राजस्थान में 100 करोड़ का ग्रीन चैलेंज फंड स्थापित किया जाएगा। कार्बन क्रेडिट की तर्ज पर राजस्थान ग्रीन क्रेडिट योजना लाई जाएगी। अरावली पर्वत माला के संरक्षण के लिए 250 करोड़ की हरित अरावली योजना की शुरुआत होगी। इस परियोजना के तहत वृक्षारोपण, चैक डेम्स सहित विभिन्न काम करवाए जाएंगे। हर विभाग में ग्रीन बजट के कंसेप्ट पर काम होगा। ग्रीन बजट के तहत 27854 करोड़ का प्रावधान है। सौर ऊर्जा से जुड़ेंगे सरकारी कार्यालय
वहीं राजस्थान के सभी सरकारी कार्यालयों को सौर ऊर्जा के साथ जोड़ा जाएगा। पीएचइडी के पंपिंग स्टेशनों को भी हाइब्रिड इन्यूनिटी मॉडल पर सौर ऊर्जा से जोड़ा जाना भी प्रस्तावित है।
इसके साथ ही शहरी क्षेत्रों में ग्रीन लंग्स के विकास के लिए प्लानिंग और अन्य विषयों पर 43 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। वहीं प्रदेश की ग्राम पंचायतों को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए स्टील बर्तन बैंक बनाए जाएंगे। इसके पहले चरण में प्रदेश की एक हजार ग्राम पंचायतों में बर्तन बैंक बनाने के लिए 1 लाख रुपए दिए जाएंगे।