क्यों जारी है शिक्षा विभाग में बैन?
सरकार के सूत्रों के मुताबिक, शिक्षकों के तबादलों पर रोक के पीछे कई अहम कारण हैं- तबादला नीति का लंबित रहना- शिक्षा विभाग में तबादलों के लिए नई नीति अब तक अंतिम रूप नहीं ले पाई है। तबादला नीति को विवादमुक्त और पारदर्शी बनाने के लिए सरकार अभी काम कर रही है। पुराने विवादों से बचने की कोशिश- पूर्ववर्ती सरकारों के कार्यकाल में शिक्षक तबादलों को लेकर कई विवाद सामने आए थे। स्थानांतरणों में भ्रष्टाचार और पक्षपात के आरोप भी लगाए गए थे। सरकार इन विवादों को दोहराने से बचना चाहती है।
शैक्षणिक सत्र पर प्रभाव का खतरा- शिक्षकों के तबादले बीच सत्र में होने से छात्रों की पढ़ाई बाधित हो सकती है। बच्चों की शैक्षणिक तैयारी को ध्यान में रखते हुए भी यह फैसला लिया गया है।
ग्रेड थर्ड शिक्षकों की समस्या- ग्रेड थर्ड शिक्षकों के तबादले पिछले कई सालों से रुके हुए हैं। पिछली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में भी इस श्रेणी के तबादले नहीं हुए थे।
शिक्षकों में पनप सकता है असंतोष
शिक्षक संगठन लंबे समय से तबादलों पर से बैन हटाने की मांग कर रहे हैं। कई शिक्षक पारिवारिक परिस्थितियों या कार्यस्थल पर आने वाली समस्याओं के चलते स्थानांतरण की अनुमति का इंतजार कर रहे हैं। शिक्षकों ने कई बार शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के सामने अपनी समस्याएं रखी हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस निर्णय नहीं हुआ है। अब सरकार के इस निर्णय के बाद शिक्षकों में भारी अंसतोष पनप सकता है।
बता दें कि शिक्षकों के तबादलों पर से बैन कब हटेगा, यह स्पष्ट नहीं है, लेकिन सरकार के फैसले से शिक्षा विभाग के कर्मचारियों में असंतोष जरूर है। हालांकि, सरकार ने विधानसभा चुनाव से पहले संकल्प पत्र में दावा किया था कि जल्द ही तबादला नीति बनाकर शिक्षकों की समस्याओं का समाधान किया जाएगा, लेकिन अभी तक तबादला नीति तैयार नहीं हुई है। इसलिए तब तक शिक्षकों को इंतजार ही करना होगा।
BJP नेताओं की चलेगी सिफारिश
आपको बता दें कि इस बार तबादलों में सत्ताधारी बीजेपी पार्टी के नेता, विधायक और मंत्रियों की ही डिजायर चलेगी। क्योंकि पहले की सरकारों में भी इसी तरह के अनुभव देखने को मिले हैं। जिस भी पार्टी की सरकार होती है उसी दल के नेताओं की डिजायर को तबादलों के समय तवज्जो दी जाती है। पहले भी देखा गया है कि तबादलों से बैन हटते ही विधायकों और मंत्रियों के घर कार्यकर्ता और कर्मचारियों का जमावड़ा लग जाता है। कैबिनेट में उठा था ये मुद्दा
दरअसल, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में शनिवार को हुई कैबिनेट बैठक में तबादलों पर से प्रतिबंध हटाने पर भी चर्चा हुई। वहीं, मुख्यमंत्री के साथ विधायकों की फीडबैक बैठकों में भी तबादलों से जल्दी बन हटाने की मांग प्रमुखता से उठाई गई थी। सीएम भजनलाल शर्मा ने जनवरी में तबादलों पर से प्रतिबंध हटाने पर सहमति जताई थी। अब सरकार ने एक आदेश जारी कर दस दिन के लिए तबादलों पर प्रतिबंध हटाया है।