केन्द्र ने पिछले साल बनाई गाइडलाइन
केन्द्र सरकार ने कोचिंग सेंटरों के बारे में आ रही शिकायतों को लेकर पिछले साल जनवरी में गाइडलाइन बनाई थी, जिसे राज्य सरकार ने भी अपनाने की घोषणा कर दी थी।
समस्या यहां है
गाइडलाइन के तहत कोचिंग सेंटरों को पंजीयन कराना जरूरी है और गाइडलाइन की पालना नहीं करने पर जुर्माने का प्रावधान है। हाईकोर्ट में पिछले दिनों सुनवाई के दौरान सामने आया कि जुर्माना बिना कानूनी प्रावधान नहीं लगाया जा सकता। इस पर सरकार की ओर से आश्वासन दिया कि जल्द ही कोचिंग सेंटरों पर रेगुलेशन के लिए विधेयक लाया जाएगा।अब तक 65 से अधिक बार सुनवाई
कोचिंग विद्यार्थियों की आत्महत्या के मामले को लेकर हाईकोर्ट ने 2016 में स्वप्रेरणा से जनहित याचिका दर्ज की। इस मामले में अब तक 65 से अधिक बार सुनवाई हो चुकी है। इसके बावजूद अब तक रेगुलेशन के लिए कानून नहीं बन पाया है।राजस्थान के 3 रेलवे स्टेशनों पर व्यावसायिक गतिविधियां निजी हाथों में देने की तैयारी, सिर्फ ये काम संभालेगा रेलवे
विधानसभा में प्रश्न लगाया है
कोचिंग सेंटरों को लेकर कानून बनाने का सुझाव मेरे मंत्री काल में तो नहीं आया, लेकिन अब कानून बनाना आवश्यक हो गया है। कोचिंग विद्यार्थियों की आत्महत्या चिंता का विषय है। कोचिंग सेंटरों में कक्षाओं में 60 विद्यार्थियों के बैठने की व्यवस्था होती है, लेकिन एक साथ 100-100 विद्यार्थी बैठाए जाते हैं।-कालीचरण सराफ, पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री