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जॉब स्कैम को पहचानने और उससे बचने की गाइड

प्रोसेसिंग फीस या ट्रेनिंग फीस के नाम पर धोखाधड़ी

जयपुरFeb 12, 2025 / 12:29 am

Jagmohan Sharma

प्रोसेसिंग फीस या ट्रेनिंग फीस के नाम पर धोखाधड़ी

जयपुर. आज के जमाने में जल्दी नौकरी पाने का दबाव बहुत ज्यादा है क्योंकि जॉब मार्केट में कॉम्पिटिशन बढ़ता जा रहा है। इसी वजह से धोखाधड़ी और जालसाज के मामले बढ़ रहे हैं। सबसे बड़ी चिंता नकली ईमेल और सोशल मीडिया अकाउंट हैं, जिनका इस्तेमाल करके ठग, लोगों को धोखा दे रहे हैं। वे बेरोजगार लोगों की मजबूरी का फायदा उठाते हैं और लुभाकर उनसे पैसे ठग लेते हैं। लोगों को ठगने के लिए ये स्कैमर शातिर तरीके अपनाते हैं। वे ऐसे ईमेल आईडी बनाते हैं, जो कंपनियों के असली ईमेल एड्रेस जैसे लगते हैं। अकसर ये ईमेल, मशहूर कंपनियों के असली ईमेल एड्रेस से मिलते-जुलते हैं। इससे नौकरी ढूंढने वाले सोचते हैं कि वे किसी जानी-मानी कंपनी के रिक्रूटर से बात कर रहे हैं। ये ईमेल ऐसे लिखे जाते हैं कि देखने में बिलकुल असली लगते हैं। इनमें कंपनी का लोगो, पता, और प्रोफे़शनल भाषा इस्तेमाल की जाती है, जो कि बिलकुल फ़ॉर्मल कम्युनिकेशन जैसा लगता है।
धोखाधड़ी करने वाले अब एक कदम और आगे बढ़ चुके हैं। वे नकली ऑनलाइन इंटरव्यू और टेस्ट भी बना रहे हैं, जो उसी जॉब प्रोफ़ाइल के हिसाब से होते हैं, जिसमें वे लोगों को फ़ंसाना चाहते हैं। नौकरी खोज रहा व्यक्ति जैसे ही उस ईमेल का जवाब देता है, उसे एक ज़बरदस्त जॉब ऑफ़र दिखाया जाता है और फिर प्रोसेसिंग फ़ीस या ट्रेनिंग फ़ीस के नाम पर पैसे मांगे जाते हैं। स्कैमर बहाना बनाते हैं कि ये फ़ीस बैकग्राउंड चेक, ट्रेनिंग या इक्विपमेंट के लिए ज़रूरी है। लेकिन जैसे ही पैसा भेजा जाता है, नौकरी का ऑफ़र और ठग दोनों ही गायब हो जाते हैं और कैंडिडेट का पैसा डूब जाता है।
जैसे ही कोई व्यक्ति नौकरी के ऑफ़र में दिलचस्पी दिखाता है, ठग नकली KYC प्रोसेस शुरू कर देते हैं। फर्ज़ी वेरिफ़िकेशन के बाद नौकरी पाने वाले को बताया जाता है कि उसे काम के लिए चुन लिया गया है। इसके बाद, एडवांस पेमेंट मांगी जाती है, ताकि कुछ टास्क या असाइनमेंट पूरा करने के बाद सैलरी दी जा सके। स्कैमर इसे “पेमेंट प्रोसेसिंग फ़ीस” या बैंक खाते के वेरिफ़िकेशन का हिस्सा बताते हैं। कभी-कभी भरोसा जीतने के लिए वे अकाउंट में थोड़ी-बहुत रकम भी भेज देते हैं। हालांकि धीरे-धीरे वे दूरी बना लेते हैं और फिर उनसे संपर्क करना नामुमकिन हो जाता है।
फोनपे के साइबर सेफ़्टी एक्सपर्ट कुछ अहम टिप्स बता रहे हैं, जिससे आप जॉब स्कैम का शिकार होने से खुद को बचा सकें। जॉब स्कैम का शिकार होने से बचने के लिए कंपनी के बारे में अच्छी तरह रिसर्च करें और उनकी ऑफ़िशियल वेबसाइट को वेरिफ़ाई करें। कोई भी जॉब ऑफ़र कन्फ़र्म करने के लिए सीधे आधिकारिक ज़रियों से ही संपर्क करें। नौकरी या सैलरी प्रोसेसिंग के लिए कभी भी एडवांस पेमेंट न करें। असली नौकरियों के लिए जानी-मानी जॉब साइट्स और करियर प्लेटफ़ॉर्म का ही इस्तेमाल करें और सोशल मीडिया से मिलने वाले ऑफ़र को लेकर सतर्क रहें। ईमेल डोमेन को ध्यान से जांचें कि वह असली है या नहीं। आखिर में, अपनी समझ पर भरोसा करें अगर कोई जॉब ऑफ़र ज़रूरत से ज़्यादा अच्छा लगे या आपसे एडवांस पैसे मांगे, तो काफ़ी संभावना है कि यह एक स्कैम है।

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