Rajasthan Politics: भाजपा ने हारे हुए सांसद और विधायक प्रत्याशियों, पूर्व सांसद-विधायकों की समस्याएं जानने के लिए शनिवार को एक होटल में बैठक बुलाई। इस बैठक में बड़ी संख्या में हारे हुए प्रत्याशियों ने अपनी पीड़ा भाजपा प्रदेश प्रभारी राधा मोहन दास अग्रवाल और प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ के समक्ष रखी।
सभी इस बात से क्षुब्ध थे कि सरकार में उनकी सुनवाई नहीं होती। एक नेता ने तो यहां तक कह दिया कि सरकार में जिनको मंत्री बनाया गया है, उनके सरकारी आवासों के दरवाजे तो सुबह 10 बजे तक भी नहीं खुलते। हमारी ही सुनवाई नहीं हो रही तो जनता और कार्यकर्ताओं की तो सुनवाई क्या ही होती होगी? बैठक के बाद पार्टी ने तय किया कि हारे हुए प्रत्याशियों, पूर्व सांसद-विधायकों की सुनवाई के लिए एक प्रदेश महामंत्री को जिम्मेदारी दी जाएगी।
बैठक में नेताओं ने कहा कि नौकरशाही इस कदर हावी है कि हारे हुए की तो सुनवाई तक नहीं होती। जयपुर जिले के एक पूर्व विधायक ने तो यहां तक कह दिया कि उनके खेत से जुड़े काम के लिए चक्कर काट-काट कर थक गए, लेकिन काम नहीं हुआ। बैठक में पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी, अरुण चतुर्वेदी, पूर्व सांसद जसकौर मीणा, पूर्व विधायक बिहारी लाल विश्नोई, रामलाल शर्मा, शैतान सिंह, अभिनेश महर्षि, नरपत सिंह राजवी, सुरेन्द्र पारीक सहित कई मौजूद थे।
महामंत्री की होगी नियुक्ति- राठौड़
प्रदेश अध्यक्ष राठौड़ ने कहा कि पांच साल बाद फिर से सरकार बनानी है। उन्होंने घोषणा की कि संगठन और सत्ता के बीच प्रभावी समन्वय के लिए भाजपा एक महामंत्री की नियुक्ति करेगी, जो कार्यकर्ताओं की ओर से सुझाए गए जनहित के मुद्दों को प्राथमिकता के आधार पर सरकार तक पहुंचाएंगे और उनका त्वरित समाधान करवाएंगे।
कार्यकर्ताओं को प्राथमिकता- अग्रवाल
भाजपा प्रदेश प्रभारी अग्रवाल ने कहा कि भाजपा एकमात्र ऐसी पार्टी है जहां सत्ता और संगठन के बीच समन्वय स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। पार्टी में कार्यकर्ताओं को सदैव प्राथमिकता दी जाती है और उन्हीं के माध्यम से जनता की समस्याओं को चिन्हित कर सरकार द्वारा समाधान किया जाता है।