Rajasthan Monsoon 2025: राजस्थान में इस बार भी बंपर बारिश होने का अनुमान है। मौसम विभाग ने भी इस बार दक्षिण पश्चिमी मानसून सक्रिय होने के बाद जुलाई से सितंबर माह में दीर्घकालीक औसत से ज्यादा 105 फीसदी ज्यादा बारिश होने का पूर्वानुमान जारी किया है। हालांकि अभी मई और जून माह में गर्मी के मौसम के शेष दिनों पर राज्य में मानसून की एंट्री और फिर सक्रियता को लेकर निर्भरता रहने वाली है। मौसम विज्ञानियों का दावा है कि इस बार भी पूरे प्रदेशभर में मानसून की धमाकेदार बारिश होने का अनुमान है।
मौसम विज्ञानियों की मानें तो बंगाल की खाड़ी से उठे दक्षिण पश्चिमी मानसून की इस बार 30 मई तक दस्तक होने की संभावना है। कमजोर अल नीनो के चलते इस बार दक्षिण पश्चिमी मानसून के देश के अन्य राज्यों के साथ राजस्थान में भी लगभग तय समय पर ही एंट्री होने के आसार हैं। पिछले साल भी राजस्थान में मानसून की जून माह में ही एंट्री हुई और तय समय से करीब 6 दिन पूर्व 2 जुलाई को प्रदेश के कई शहरों में मानसून सक्रिय होने पर झमाझम बारिश का दौर शुरू हुआ।
सुखद: इस बार अल नीनो कमजोर
अल नीनो का अर्थ स्पेनिश में “छोटा लड़का” होता है। प्रबल अल नीनो घटनाएँ कमज़ोर मानसून की स्थिति को दर्शाती है, इसकी वजह से भारत के दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में सूखे की स्थिति उत्पन्न होती है। अल नीनो एक जलवायु पैटर्न है जो पूर्वी उष्णकटिबंधीय प्रशांत महासागर में सतही जल के असामान्य रूप से तापन की स्थिति को दर्शाता है। कमजोर अल नीनो सामान्यतः यह भारतीय अर्थव्यवस्था के लिये लाभदायक होती है, जो कि कृषि एवं उद्योग के लिए हर साल मानसून पर निर्भर होती है।
Rajasthan Monsoon: पिछले साल राजस्थान राज्य के 33 जिलों में से 16 जिलों में अतिवर्षा हुई जो सामान्य से 60 फीसदी अधिक रही। जबकि 10 जिलों में सामान्य से अधिक और 7 जिलों में बारिश का आंकड़ा सामान्य रहा। दो जिलों में मानसून की रिकॉर्ड बारिश भी दर्ज की गई। दो जिलों में दक्षिण पश्चिमी मानसून जमकर मेहरबान रहा। दौसा जिले में कुल 1409.4 मिमी बारिश हुई जो दीर्घकालीक औसत से 137 फीसदी ज्यादा रही। वहीं सवाई माधोपुर जिले में 1285.6 मिमी बारिश रेकॉर्ड की गई जो दीर्घकालीक औसत से 94 फीसदी ज्यादा रही है।
इस बार भी सामान्य से ज्यादा बारिश का अनुमान
राजस्थान राज्य में जून से सितंबर माह में मानसून की सामान्य बारिश का आंकड़ा 435.6 मिमी है। वहीं पिछले साल प्रदेश में 678.4 मिमी बारिश रिकॉर्ड हुई जो पिछले वर्ष 1971 से 2020 के दीर्घकालीक औसत बारिश से 156 फीसदी ज्यादा है। प्रदेश में वर्ष 1917 में औसत बारिश की तुलना में 844.2 मिमी व वर्ष 1908 में 682.2 मिमी बारिश रिकॉर्ड हो चुकी है।