Rajasthan Politics: राजस्थान अध्यापक पात्रता परीक्षा के दौरान अभ्यर्थियों के जनेऊ उतरवाने के मामले ने जोर पकड़ लिया है। भजनलाल सरकार ने जनेऊ उतरवाने वाली महिला सुपरवाइजर और पुलिस कॉन्स्टेबल को संस्पेंड कर दिया है। इस मामले को लेकर भारतीय आदिवासी पार्टी के सांसद राजकुमार रोत ने सरकार पर जबरदस्त निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि भजनलाल शर्मा के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार के आदेश की पालन करना ही कर्मचारियों के लिए गुनाह बन गया है।
सांसद राजकुमार रोत ने कहा कि ‘डूंगरपुर जिले में REET एग्जाम के दौरान सभी परीक्षार्थियों से आभूषण व धागे निकलवाकर सरकारी आदेश की पालना करने पर प्रधानाचार्य व हैड कॉनिस्टेबल को निलंबित करना कहा का न्याय है ? जाति-धर्म देखकर कानून की कलम चलना क्या यही अमृतकाल है ? इन कार्मिकों को तत्काल बहाल किया जाये।’
भजनलालजी के नेतृत्व वाली सरकार में सरकारी आदेश की पालना करना ही गुनाह है।
डूंगरपुर जिले में REET एग्जाम के दौरान सभी परीक्षार्थियों से आभूषण व धागे निकलवाकर सरकारी आदेश की पालना करने पर प्रधानाचार्य व हैड कॉनिस्टेबल को निलंबित करना कहा का न्याय है ? जाति-धर्म देखकर कानून की कलम… pic.twitter.com/TqT6j6KqJC
पंडित के शासन में ब्राह्मण की जनेऊ उतर जाए, फिर क्या बचता है?
वहीं, राजस्थान विधानसभा में सोमवार को कांग्रेस विधायक हरिमोहन शर्मा ने रीट परीक्षा के दौरान जनेऊ उतरवाने को लेकर सरकार पर तंज कसते हुए कहा था कि ‘ हमारे मुख्यमंत्री खुद जनेऊधारी पंडित हैं। उनके राज में परीक्षा के दौरान ब्राह्मण छात्रों की जनेऊ उतरवा ली गई। अगर एक पंडित मुख्यमंत्री के शासन में ब्राह्मण की जनेऊ उतर जाए, तो फिर क्या बचता है? यह मुख्यमंत्री को बदनाम करने की कोशिश है।’
क्या है पूरा मामला…
राजस्थान में हाल ही में आयोजित हुई रीट परीक्षा के दौरान डूंगरपुर जिले के दो केंद्रों पर ब्राह्मण अभ्यर्थियों को जनेऊ उतरवाने के बाद परीक्षा केंद्र में एंट्री दी गई थी। जिसके बाद प्रदेशभर में विवाद हो गया। डूंगरपुर जिला प्रशासन ने इस पूरे मामले की जांच करने के साथ ही महिला सुपरवाइजर और कांस्टेबल को सस्पेंड कर दिया था।