पुलिस दबिश के दौरान बच्ची की मौत: परिवार से मिलने पहुंची वृंदा करात, बोलीं ये पुलिस वाले नहीं आतंकी, पूरा थाना हो सस्पेंड
कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी का प्रतिनिधिमंडल तेलिया का बास पहुंचा। वृंदा करात ने कहा कि पुलिस में इतनी हिम्मत कहा से आई? उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि गरीब के घरों को धर्म के नाम पर टारगेट किया जा रहा है।
अलवर जिले के नौगांवा थाना इलाके में रघुनाथगढ़ के पास तेलिया का बास में पुलिस दबिश के दौरान एक महीने की बच्ची अलिसबा की मौत के मामले ने तूल पकड़ लिया है। बच्ची की मौत के बाद से ही तेलिया का बास में ग्रामीणों के चेहरे पर आक्रोश है। ग्रामीणों और परिजनों का कहना है कि मामले में भले ही एसपी ने दो हेड कांस्टेबलों और तीन कांस्टेबलों का लाइन हाजिर कर दिया और दोनों हेड कांस्टेबल के खिलाफ केस दर्ज हो गया, लेकिन यह अधूरा न्याय है। सभी दोषी पुलिसकर्मियों को निलंबित किया जाना चाहिए।
कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी का प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को तेलिया का बास में पीड़ित परिवार से मिला। पार्टी की राजस्थान की केंद्रीय कमेटी प्रभारी एवं पोलित ब्यूरो की सदस्य वृंदा करात ने परिवार को सांत्वना दी। उन्होंने कहा कि पुलिस में इतनी हिम्मत कहां से आई?
उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि गरीब के घरों को धर्म के नाम पर टारगेट किया जा रहा है। गरीबों के घर में घुसकर, गरीबों के घर को तोड़ने वाले ये पुलिसवाले नहीं आतंकवादी हैं। उन्होंने पूरे थाने को सस्पेंड करने और मुआवजे की मांग की। साथ ही पार्लियामेंट में इस मुद्दे को उठाने की बात कही।
यह है मामला
रघुनाथगढ़ के पास तेलिया का बास में नौगांवा थाना पुलिस ने साइबर ठगों को पकड़ने के लिए इमरान के घर में दबिश दी थी। परिजनों ने आरोप लगाया था कि एक पुलिसकर्मी ने चारपाई पर सो रही बच्ची अलिसबा पर पैर रख दिया, जिससे उसकी मौत हो गई। अलिसबा महज एक महीने की थी।
यह भी आरोप है कि पुलिस ने बच्ची का पोस्टमार्टम नहीं करने दिया और खाली कागज पर साइन करवा लिए। रविवार को परिजनों व ग्रामीणों ने एसपी के आवास के बाहर धरना दिया था। शाम को एसपी ने हेड कांस्टेबल जगवीर और गिरधारी तथा कांस्टेबल ऋषि, सुनील और शाहिद को लाइन हाजिर कर दिया था। वहीं लाइन हाजिर किए गए दोनों हेड कांस्टेबल जगवीर और गिरधारी के खिलाफ नामजद मामला दर्ज किया गया था।
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