बीते दो साल में आरटीओ सेकंड में जितने वाहन खरीदे गए, उस अनुपात में बहुत संख्या में रजिस्ट्रेशन हुए हैं। लोग कॉमर्शियल वाहन के लिए आरजे 14 नंबर चाहते हैं। इस नंबर की डिमांड होने के कारण लोग जगतपुरा एआरटीओ कार्यालय में वाहनों का रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं। वहीं, विद्याधर नगर में आरजे 59 नंबर मिलने के कारण लोगों का रुझान वहां से कम हो रहा है।
विद्याधर नगर क्षेत्र के अधीन आने के बाद भी वाहन चालकों ने जगतपुरा में वाहनों के रजिस्ट्रेशन कराए हैं। परिवहन विभाग ने दो साल पहले विद्याधर नगर में आरटीओ ऑफिस की शुरुआत की थी। इन दो साल में करीब दो हजार कॉमर्शियल वाहन खरीदे गए, लेकिन इन वाहनों का रजिस्ट्रेशन जगतपुरा हुआ है। जबकि विद्याधर नगर में महज 30 से अधिक वाहन ही रजिस्टर्ड हुए हैं।
दो आरटीओ होने से बदल रही सीरीज
जयपुर में दो आरटीओ होने के कारण भी वाहनों की अलग-अलग सीरीज जारी की जा रही है। आरटीओ प्रथम में आरजे 14, आरजे 60 सीरीज के वाहन जारी किए जा रहे हैं। आरटीओ द्वितीय में आरजे 59 सीरीज में वाहनों को नंबर जारी किए जा रहे हैं। आरटीओ द्वितीय जब शुरू किया था तब आरजे 45 सीरीज में नंबर जारी किए गए थे। वर्तमान में आरटीओ प्रथम में आरजे 60 सीरीज में नंबर जारी किए जा रहे हैं।
बदल रही जयपुर के वाहनों की पहचान
जयपुर के वाहनों की पहचान आरजे 14 ही नहीं, आरजे 45, 59 और 60 से भी की जा रही है। दरअसल, जयपुर में वाहनों की संख्या साल दर साल बढ़ रही है। इसी के साथ परिवहन विभाग की ओर से वाहनों की नई सीरीज निकाली जा रही है। 1988 से आरजे 14 नंबर की सीरीज के वाहन शुरू किए गए थे। लोगों को आरजे 14 नंबर ही पसंद आता है। इसके कारण आरटीओ सेकंड क्षेत्राधिकार के वाहन चालक भी जगतपुरा जाकर कॉमर्शियल वाहनों का रजिस्ट्रेशन करा लेते हैं।
-संजय शर्मा, डीटीओ आरटीओ सेकंड