अश्विनी भदौरिया जयपुर। मास्टर प्लान-2025 की मियाद खत्म होने में सात माह का ही समय बचा है। मियाद खत्म होने के कुछ वर्ष पहले ही सेक्टर रोड तलाशने की कवायद शुरू हुई। हैरानी की बात यह है कि विकास के दावे करने वाला जेडीए अब तक इन सड़कों को पूरा नहीं कर पाया है।
इसी का परिणाम है कि रोज जाम में हजारों लोग फंसते हैं। मुख्य मार्ग बंद होने पर वैकल्पिक रास्ते ही नहीं मिलते। समय रहते जेडीए 24 से 60 मीटर तक चौड़ी सड़कों का निर्माण करवा देता तो कॉलोनियों की गलियों में वाहनों की बेतहाशा आवाजाही नहीं होती।
वहीं, मास्टर प्लान-2025 पर गौर करें तो वर्ष 2011 में ही तय हो गया था कि कहां कितनी चौड़ी सड़क बननी हैं। इसके 14 वर्ष में चुनिंदा सड़कों को छोड़ दें तो जेडीए सड़कों को चिन्हित तक नहीं कर पाया। इसी वजह से कई जगह तो सड़क सीमा में ही अवैध कॉलोनियां सृजित हो गईं।
महीनों बाद भी नहीं मिली सूची
अप्रेल, 2023 में जेडीए की मास्टरप्लान शाखा ने सभी जोन से सड़कों को चिन्हित कर सूची मांगी। ये प्रक्रिया इतनी धीमी रही कि पिछले दिनों बैठक में करीब 225 सड़कों की जानकारी ही मिल पाई। बैठक में जेडीसी आनंदी ने सड़कों का तीव्र गति से काम करने के निर्देश दिए। बैठक में सामने आया कि अब तक अभियांत्रिकी शाखा को सूची ही नहीं दी गई। जो सूची दी गई, उसमें कई सड़कों की मौके पर जमीन ही नहीं है। ऐसे में अभियांत्रिकी शाखा सड़क निर्माण कैसे करे?
मिसिंग लिंक के कारण उपयोग नहीं हो पा रहा
वंदेमातरम सर्कल से सांगानेर स्थित रेलवे लाइन के पास 160 फीट की सेक्टर रोड में मिलती है। 200 फीट की इस सड़क का मिसिंग लिंक होने की वजह से उपयोग नहीं हो पा रहा है। इसी तरह सुमेर नगर, बीटू बाइपास कट से अजमेर रोड स्थित सेज को जोड़ने वाली 200 फीट सेक्टर रोड धौलाई में मिसिंग लिंक है।
नजर आए ये हालात
भांकरोटा से गांधी पथ-पश्चिम होते हुए सिरसी रोड पर 200 फीट की रोड प्रस्तावित है। वर्ष 2020 में जेडीए ने यहां काम भी शुरू किया। पिछले पांच वर्ष में सड़क सीमा क्षेत्र में काम ही नहीं हुआ। कई जगह खेती होती मिली। यदि इस सड़क का काम पूरा हो जाए तो रोज हजारों लोगों को 10 से 15 किमी का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। अभी तो सी-जोन बाइपास (200 फीट बाइपास) की सर्विस रोड निर्माण के कारण दिन भर जाम रहता है।
सांगानेर रेलवे स्टेशन से इस्कॉन रोड को जोड़ने वाली 160 फीट की रोड पर जगह-जगह कब्जे हैं। कई जगह खेती भी हो रही है। सड़क न बनने से रोज 40 हजार लोगों को आने-जाने में परेशानी हो रही है। इतना ही नहीं, एक जगह तो सड़क सीमा क्षेत्र में अवैध रूप से कॉलोनी ही सृजित हो गई।
बजरी के ढेर
वंदेमातरम और नारायण विहार तिराहे को जोड़ने वाली सेक्टर रोड पर अवैध रूप से कब्जे हो रहे हैं। कहीं ट्रक की बॉडी बनती मिली तो कहीं पर बजरी के ढेर नजर आए। आगे चलने पर सड़क ही नहीं मिली। इसी का फायदा उठाकर सड़क पर ही बिजनेस चल रहा है। बजरी के ट्रक दौड़ने से हादसे का अंदेशा बना रहता है।